फारबिसगंज (अररिया), जासं: रोशनी और पटाखों का त्योहार सिर पर है। इसके साथ ही पटाखों से बाजार की दुकानें पट गयी हैं। खासकर बच्चे पटाखे खरीदने में अभी से दिलचस्पी लेने लगे हैं। बाजार में कई तरह के पटाखें बिक रहे हैं। लेकिन पटाखों की खरीदारी में सावधानी आवश्यक है। पटाखा खरीदते समय यह ध्यान रखा जाना आवश्यक है कि वो घातक अथवा नुकसानदायक न हो। बच्चे वैसे पटाखे खरीदें जिसे जलाते समय उन्हें किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचे। फुलझड़ी व चकरी आदि बाजार में कई ऐसे पटाखें है जो या तो ठीक से जलते नहीं या फिर अप्रत्याशित रूप से फट पड़ते है। ऐसे में पटाखों के जलने में विलंब होने पर उसकी जांच करने बच्चे पटाखों के पास पहुंच जाते हैं और उसी समय वह फट जाता है। जिससे पटाखा जलाने वाला जख्मी हो जाते हैं। ऐसे पटाखों से बचना चाहिए। अधिक आवाज वाले पटाखा से बचने की जरूरत है। पटाखा विक्रेता आनंद कुमार भगत कहते हैं कि कई बार राकेट को बोतल की बजाय जमीन पर ही रखकर फोड़ा जाता है जिससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इस बार पटाखों की कीमत में भी वृद्धि हुई है।
बाक्स के लिए
बाजार में उपलब्ध सामान्य पटाखें
नागिन- 15 रु./पैकेट 32 पीस
मिनी बुलेट बम 25 रु./ पैकेट 10 पीस
राकेट 40-100 रु./ पैकेट 10 पीस
चकरी 40-100 रु./ पैकेट 25 पीस
फलझरी 15-50 रु./ पैकेट 10 पीस
अनार 60-100 रु./ पैकेट 10 पीस
आलू बम 15-120 रु./ पैकेट 10 पीस
इसके अलावा भी उंची कीमतों वाले पटाखें कुछ दुकानों में उपलब्ध है।
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