नरपतगंज (अररिया) : सरकारी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से चलाई जा रही जननी बाल सुरक्षा योजना अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ रही है। विदित हो कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव व संस्थागत प्रसव का बढ़ावा देने के उद्देश्य से जननी बाल सुरक्षा योजना लागू की थी। इसके लिए सरकार के निर्देशानुसार गांव स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं की बहाली की गई थी। संस्थागत प्रसव के दौरान प्रसूता को 1400 की राशि दी जाती है। जबकि आशा को चार सौ। इसके लिए मरीज को अस्पताल लाने के लिए दो सौ रुपये बतौर किराया के रूप में दिया जाता है। प्रसव के बाद प्रोत्साहित राशि के लिए अधिकारियों के पीछे-पीछे दोड़ना पड़ता है। वही प्रोत्साहित राशि की भुगतान का चेक नाथपुर स्टेट बैंक के नाम से काटा जाता है। जो पीएचसी नरपतगंज से पांच किलोमीटर की दूरी पर है जहां रोजाना दर्जनों महिलाएं अपने बच्चे के लिए धूप में घंटो इंतजार करते हैं। ग्रामीण बैंक होने के कारण वहां जगह की कमी, शेड नही है। मात्र एक कमरे में बैंक बरामदा में कम जगह होने के कारण कई महिलाएं को दो-चार दिन दौड़ना पड़ जाता है। जबकि यहां बता दे कि पीएचसी नरपतगंज से महज तीन सौ मीटर दूरी पर सैंट्रल बैंक व पांच सौ मीटर पर बैंक आफ बड़ौदा है। बैंक आफ बड़ौदा सीबीएस (कोर बैंकिंग) है। अस्पताल के एक कर्मी नाम नही छापने के शर्त पर बताया अस्पताल में कई वर्षो से फर्जी प्रसव का इंट्री कराकर राशि की बंदरबाट की जा रही है। नाथपुर बैंक बाजार से हटकर ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण ही वहां जननी बाल सुरक्षा की राशि रखा गया है ताकि फर्जी प्रसव वाले से बंदरबाट की राशि वसूली जा सके। इन दिनों बैंक लिंक फेल से परेशान है।
0 comments:
Post a Comment