Sunday, August 14, 2011

..और ढाई साल बाद सुलझा दंपती विवाद



अररिया : पुलिस केवल अपराधियों के पीछे ही नहीं भागती, बल्कि समाज में फैले वैमनस्य को भी दूर करने का काम करती है। शायद यह पुलिस का मानवीय चेहरा है। मंगलवार को तारावाड़ी पुलिस ने दो परिवारों के बीच गहरा चुके विवाद को लोक संवाद के माध्यम से सुलझा दिया। इससे दो परिवारों के बीच सामंजस्य तो स्थापित हुआ ही ढाई साल से अलग रह रहे दंपती भी फिर से एक हो गये। विवाद सुलझने के बाद पति ने अपनी पत्‍‌नी को थाना से ही अपने घर ले गये। जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 में बलवात के अब्दुल अजीज की पुत्री नजमून खातुन की शादी गांव के ही नजीमउद्दीन से संपन्न हुई थी। एक वर्ष बाद ही अंध विश्वास में पड़कर दोनों परिवारों के बीच विवाद गहरा गया। विवाद इतना गहराया कि दंपत्ति का वैवाहिक जीवन भी खतरे में पड़ गया। वर्ष 2009 में नजमून ने अररिया न्यायालय में अपने हीं पति के विरुद्ध परिवाद संख्या 167 सी दायर कर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया। मामला बढ़ते-बढ़ते परिवाद पूर्णिया के कुटुम्ब न्यायालय में वाद संस्था 114/09 दर्ज हुई। जिसमें नजमुन ने अपने भरणपोषण के लिये न्याय की गुहार लगायी। यह मामला आज भी न्यायालय में विचाराधीन है। इसी बीच दोनों परिवारों के बीच पुन: विवाद खड़ा हो गया। यह मामला एक बार फिर थाने पहुंचा। थानाध्यक्ष नागेन्द्र मोहन मिश्र ने दोनों के बीच तनाव की स्थिति को देखते हुये लोक संवाद का सहारा लिया। लोक संवाद में गांव के महमूद रजा, जावेद अख्तर, मो. मोईन, मो. सोहराब, मो. तैयब, चितरंजन झा आदि लोगों को बुलाया गया। अंत में सबों की सहमति से दंपत्ति व उनके परिवार के बीच उपजे विवाद को सुलझा लिया गया। लोक संवाद के माध्यम से यह भी निर्णय लिया गया है कि न्यायलय में चल रहे वाद के निबटारे को ले संधिपत्र लगा दिया जाय।

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