अररिया : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर राज्य स्तरीय आंदोलन के तहत जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने शुक्रवार से समाहरणालय परिसर में पांच दिवसीय धरना शुरू हुआ। पहले दौर के धरना में पहले दिन अररिया व सिकटी प्रखंड के शिक्षकों ने भाग लिया। धरना की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष नवकांत झा ने की।
धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 17 अगस्त 2010 को संघ और सरकार के बीच एक समझौता हुआ था। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि समझौता के तहत मात्र एक बिंदू को छोड़कर किसी विषय पर अमल नहीं किया गया। शिक्षकों ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को न तो विहित वेतनमान, भत्ते सरकार प्रदान करती है और न ही नियत समय पर मानदेय का भुगतान। शिक्षकों का कहना था कि सरकार अपने घोषणाओं पर अमल नहीं कर रही है। इसी का नतीजा है कि 2006 के नियोजन नियमावली में आज तक संशोधन नहीं कियागया। जिलाध्यक्ष नवकांत झा ने अपने छह सूत्री मांगों के संबंध में बताया कि नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन 9300-34800 के बीच होना चाहिए। श्री झा ने कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों का प्रतिवर्ष वार्षिक वेतन वृद्धि, संचयात्मक प्रभाव से चिकित्सा अवकाश, सेवानिवृति की सीमा 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरा जाए, वर्ग चार के कर्मियों को वर्ग तीन में प्रोन्नति देने सहित कई मांगे हैं जो सरकार के पास लंबित है। उन्होंने बताया कि तीन दिसंबर को रानीगंज, भरगामा, सात दिसंबर को जोकीहाट, पलासी, आठ को कुर्साकाटा, नरपतगंज तथा नौ दिसंबर को फारबिसगंज व अररिया प्रखंड के शिक्षक धरना पर बैठेंगे। धरना को संघ के जिला सचिव असरारूल हसन, बसंत कुमार राय, शेखर कुमार मिश्रा, जावेद अख्तर आदि ने भी संबोधित किया। मौके पर शिक्षक अब्दुल कादिर, बंधुनाथ झा, सुनील कुमार, विवेकानंद यादव, निशात, हफीज, मो. नेमतुल्ला सहित कई शिक्षक मौजूद थे।
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