नरपतगंज (अररिया) : बांग्लादेश की ओर पशु तस्करी के साथ ही स्मगलरों ने अब एक और रूट खेज निकाला है। यह रास्ता भारत के गांवों से नेपाल तक जाता है। इस मार्ग से बड़ी संख्या में पशु भेजे जा रहे हैं। सर्दियों की बढ़त के साथ ही नेपाल को भैंस व पड़वों की तस्करी तेज होने लगी है।
बताया जाता है कुछ वर्ष पूर्व पशुओं की तस्करी अररिया से होते हुए किशनगंज के रास्ते बंग्लादेश होती थी। लेकिन अब भारतीय पशु नेपाल की ओर जा रहे हैं।
जानकारों के अनुसार सीमापार नेपाल के इनरवा जिला के नरसिंह में आधुनिकतम चाइना कसाई खाना फैक्ट्री खुल गई है। वहां प्रतिदिन 200 पशुओं की मांग है। इस फैक्ट्री से मांस की पैकेजिंग कर उसे चाईना, अमेरिका सहित अन्य देशों में भेजा जाता है। जिस तरह झुंडों में इन पशुओं को नेपाल जाते देखा जा रहा हैं यदि इनकी तस्करी पर लगाम नही लगी तो तस्कर पशुओं का वर्चस्व न खत्म कर दें। सीमा की तरफ जाने वाली पगडंडियों और नदियों के तटबंधों पर हांक कर आगे-पीछे तस्करों के आदमी हो लेते हैं जो सीमा पार बैठे नेपाल के पशु तस्करों के हवाले कर देते हैं। हालांकि बार्डर पर एसएसबी तैनात है कभी कभार मवेशी भी पकड़ाती है। लेकिन स्थिति यह है इसे रोकने के लिए एसएसबी व कस्टम असफल हो रहा है। पशु तस्कर सीमा के आस पास जानवर चराते है और मौका पाकर नेपाल सीमा में हांक देते हैं।
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