Friday, April 20, 2012

अतिक्रमण से हाट का अस्तित्व संकट में


भरगामा (अररिया) : लगातार बढ़ते अतिक्रमण से सरकारी राजस्व वाली हाट-खजुरी का अस्तित्व समाप्ति के कगार पर है। वैसे बुद्धिजीवियों से लेकर स्थानीय प्रतिनिधियों के द्वारा भी हाट से अतिक्रमण मुक्ति हेतु लगातार लंबे समय तक प्रयास भी किया गया, बावजूद इसके स्थिति आज भी यथावत व समस्या जस की तस बनी हुई है।
हाट से गुजरने वाली मुख्य सड़क को छोड़ शेष सभी जमीन बाजार स्थित व्यवसायियों के अवैध कब्जे में है। पंचायत के पूर्व उप मुखिया शितांशु शेखर पिंटू के साथ बाजार वासियों में रामावतार जायसवाल, सुनिल चौधरी आदि बताते हैं कि अतिक्रमण मुक्ति हेतु बुद्धिजीवियों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा भी कई बार आवेदन अंचलाधिकारी भरगामा, अनुमंडलाधिकारी, जिलाधिकारी व प्रशासनिक अन्य उच्चाधिकारियों को भी दी गई। यहां आरोप है कि अतिक्रमणकारी उंचे पहुंच वाले व्यवसायियों के कारण लगातार प्रयास का नतीजा भी अंतत: शून्य हीं रहा। हाट के अनुबंध धारक बताते हैं कि कुछ वर्ष पूर्व तक हाट का क्षेत्र में अपना विशिष्ट स्थान था। साग-सब्जी के साथ रोजमर्रा की सभी सामान हाट में खरीदी व बेची जाती थी। लेकिन लगातार बढ़ते अतिक्रमण ने हाट को धीरे-धीरे मुख्य सड़क तक समेट कर रख दिया है। प्रशासन के अगले कदम पर टकटकी लगाए बुद्धिजीवियों का मानना है कि अतिक्रमण मुक्ति को लेकर प्रशासन द्वारा जल्द हीं अगर कदम नही उठाया गया तो निश्चित हाट का अस्तित्व भी समाप्त हो जायेगी।

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