Monday, July 25, 2011

विभाग व बैंक के पेंच में फंस गया अल्पसंख्यक छात्रों के 60 लाख


अररिया : अल्पसंख्यक छात्रों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा चलाई गई मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना का हाल जिले में खास्ता है। प्रथम श्रेणी में मैट्रिक पास करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों को उक्त योजना के तहत सरकार ने 10 हजार व इंटर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाले को चार हजार की नकद राशि देने का निर्णय लिया है। लेकिन वर्ष 2010 में मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को यह वजीफा राशि अब तक प्राप्त नहीं हो पायी है। कल्याण विभाग के अधिकारी का कहना है कि उन्होंने 60 लाख का चेक एडीबी ब्रांच एसबीआई को दिया है। जबकि बैंक ने स्टाफ की कमी बता कर ड्राफ्ट बनाने से इंकार कर दिया है। जिले में राशि को आये करीब एक माह हो गये हैं किंतु अधिकारियों की उदासीनता से इसके लाभ से छात्र वंचित हैं। इस संबंध में जिला कल्याण पदाधिकारी सुनील कुमार मिश्रा ने बताया कि 2461 छात्र-छात्राओं तथा 18 विद्यालयों के लिए डीएम एम. सरवणन के निर्देश पर एसबीआई एडीबी ब्रांच को 60 लाख रुपये ड्राफ्ट बनाने के लिए दिये गये थे। श्री मिश्रा ने बताया कि बैंक ने स्टाफ की समस्या व सिक्युरिटी पेपर का अभाव बताकर ड्राफ्ट बनाने से इंकार कर दिया तथा चेक को बैरंग वापस लौटा दिया है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना के लिए मैट्रिक प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण 386 छात्रों का चयन किया गया। जबकि प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 2075 छात्रों के नाम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इसी योजना के तहत 18 अल्पसंख्यक विद्यालय व मदरसों को भी अनुदान राशि दिया जाना है। परंतु विभाग व बैंक के आपसी खींचतान में छात्रों का हित ताक पर रख दिया गया है जिससे योजना के उद्देश्य पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया है।

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