अररिया : जिलाधिकारी एम. सरवणन द्वारा नये सिरे से आरोप पत्र गठन करने के बाद हुई कार्रवाई से डेहटी पैक्स के घोटालेबाजों के बीच एक बार फिर खलबली मच गयी है। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिले के छह तत्कालीन बीडीओ परवेज उल्लाह, गयानंद यादव, शमीम अख्तर, रमेश झा, सुरेन्द्र राय आदि पर नये आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
इंदिरा आवास, एसजीआरवाई, बाल विकास परियोजना सर्व शिक्षा आदि मदों की राशि डेहटी पैक्स में जमा करने का आरोप इन अधिकारियों पर लगाया गया है। दरअसल डेहटी पैक्स में सरकारी राशि जमा करने का सिलसिला पलासी से वर्ष 2004 में शुरू हुआ। 2004 से 2008 तक अररिया, सिकटी, पलासी व जोकीहाट प्रखंडों की राशि पैक्स में खाता खोलकर जमा करायी गयी।
2008 में दैनिक जागरण द्वारा ही खबर प्रकाशित कर मामले को उजागर किया गया था। जिस पर तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी बाला मुरूगन डी ने जांच शुरू की और पूरा रिपोर्ट डीएम व सरकार को प्रेषित किया था। राज्य सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव राम बाबू सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल अररिया भेजा। उप सचिव ने जांच कर सरकार को रिपोर्ट दिया। जिसमें बताया गया कि इन चार प्रखंडों के 27 करोड़ की राशि पैक्स में जमा करायी गयी। लेकिन पैक्स की हालत खस्ता हो गयी। जांच रिपोर्ट पर सरकार ने फौरन जिले में उस वक्त पदस्थापित पांच व एक अन्य जिले के बीडीओ तथा आधे दर्जन से अधिक सहायक व नाजिर को निलंबित कर दिया। बाद में तीन कर्मियों की सेवा भी समाप्त कर दी गयी। पैक्स का मामला फिलहाल निगरानी के जिम्मे भी है।
डीएम एम. सरवणन द्वारा जांच के बाद यह 70 करोड़ से अधिक का घोटाला बताया जा रहा है। वर्तमान में घोटाले के आरोपी रहे तत्कालीन डीएसई दिनेश चौधरी व तत्कालीन बीडीओ अशोक तिवारी जेल में है।
पैक्स घोटाले से संबंधित चारों प्रखंड के बीडीओ, तीन सीडीपीओ तथा डीएसई द्वारा विभिन्न थानों में कई केस दर्ज कराये गये हैं। इसी पैक्स घोटाले की किताब में एक और पन्ना जोड़ने का आरोप सरकार ने दे दिया है। बदरहाल जो भी हो, लेकिन पैक्स घोटाले के मुख्य कर्ता-धर्ता व दलाल अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
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