अररिया : भारत-नेपाल सीमावर्ती इलाका आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह बनता जा रहा है। चिंता की बात यह है कि भारत विरोधी विदेशी एजेंसियां अब सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों से अपने रंगरूट चुन रही हैं। इन्हें तलाशना खुफिया विभाग व पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। हाल के दिनों में अररिया, पूर्णिया व किशनगंज सीमावर्ती जिलों से पकड़े गये करीब एक दर्जन आतंकी व सक्रिय विदेशी एजेंटों से इस धारणा को बल मिला है। मंगलवार को अररिया व पूर्णिया की सीमा पर बसे खत्ता घाट से धराए आफताब आलम ने दिल्ली हाईकोर्ट धमाके व मुंबई के ताज होटल हमले में प्रमुख भूमिका निभायी थी। आफताब के तार अररिया जिले से भी जुड़े रहे हैं। यहां अक्सर उसका आना-जाना रहा है। वैसे यह तो जांच का विषय है कि यहां उसका कोई शगिर्द है या नहीं? अररिया के पुलिस अधीक्षक शिवदीप लांडे ने बताया कि सीमावर्ती इलाका होने तथा भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा होने के कारण यह क्षेत्र सेंसेटिव जरूर है किंतु उनकी नजर राष्ट्रविरोधी तत्वों की हर गतिविधि पर है। आफताब के तार अररिया से जुड़े होने के सवाल पर उन्होंने बताया कि वे हर पहलू पर गंभीरता से नजर रखे हुए हैं।
भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र का भारत विरोधी विदेशी ताकतों खासकर आईएसआई के लिए सुरक्षित क्षेत्र रहा है। जाली नोट, ड्रग्स व अवैध हथियारों की तस्करी हो या फिर आतंकियों के पनाहगाह हर अवैध गतिविधियो के लिए इस सीमा क्षेत्र का उपयोग होता है। हालांकि खुफिया व पुलिस विभाग को इस क्षेत्र से कई बड़े तस्कर व आतंकियों को गिरफ्तार करने में सफलता भी मिली है। मुंबई ब्लास्ट से पूर्व किशनगंज में हुजी आतंकी रियाजुल की गिरफ्तारी, पूर्णिया रेलवे जंक्शन से अफगानी आतंकी गुलाम रसूल उर्फ मिर्जा खान की गिरफ्तारी और अब आफताब आलम पुलिस की बड़ी कामयाबी है। इससे पूर्व वर्ष 1994 में विदेशी नोटों के साथ पांच अफगानी की जोगबनी में गिरफ्तारी, इसी वर्ष किशनगंज में आठ संदिग्ध अफगानी व 1990 में पूर्णिया जंक्शन पर सेना के वेश में एक आईएसआई के एजेंट, जोगबनी सीमा पर चार चीनी जासूसों की गिरफ्तारी भी हुई है। दिल्ली के जामा मस्जिद व बेंगलोर बेकरी बम ब्लास्ट में पकड़े गये पांच अपराधी भी भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के दरभंगा व मधुबनी जिले से ही जुड़े हैं ऐसे में स्पष्ट है कि सीमावर्ती जिले विदेशी ताकतों का साफ्ट टारगेट बने हुए हैं। अररिया व पूर्णिया के सीमावर्ती क्षेत्र से पकड़ा गया आफताब आलम भी सक्रिय आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है। उसका भी अररिया अक्सर आना-जाना लगा हुआ था। हालांकि पुलिस उसके रिकार्ड को खंगालने में जुटी है। एसपी श्री लांडे ने भी कहा है कि वे भारत विरोधी गतिविधि में शामिल लोगों की पहचान करा रहे हैं। ऐसे में इस सीमावर्ती क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता है।
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