फारबिसगंज(अररिया) : नींद अब भी नहीं खुली है जबकि कभी हरे भरे पेड़ों से आच्छादित यह क्षेत्र आज वीरान हो गया है। वन विभाग के अधिकारियों तथा वन माफियाओं की वर्षो से चली आ रही गठजोड़ ने वनों से आच्छादित इन क्षेत्र की ऐसी दुर्दशा कर दी कि सड़कों के किनारे छाया देने वाले पेड़ों की लंबी कतार अब नजर नहीं आते। नहरों पर लगे हजारों पेड़ों को मिली भगत कर लगातार काटा जाता रहा है। वन माफियाओं ने नहरों, सड़कों, वन क्षेत्रों से पेड़ों की अंधाधूंध अवैध कटाई कर हरियाली ही समाप्त कर दी। अब जब नींद खुली तो क्षेत्र की बेशकीमती संपदा नष्ट हो चुकी है। बताया जाता है कि मंगलवार को फारबिसगंज शहर में वन विभाग की पहल पर पुलिस ने छापामार कर भारी संख्या में लकड़ी बरामद की है हालांकि पुलिस को यह सफलता अधिकारी-माफिया गठजोड़ में उपजे अंतर्कलह के कारण ही मिल पायी है। बताया जाता है कि क्षेत्र में आज भी अवैध आरा मिल व लकड़ी का अवैध कारोबार मिलीभगत से चलाए जा रहे हैं। नरपतगंज, फारबिसगंज व भरगामा प्रखंडों में बड़े पैमाने पर लकड़ी का अवैध कारोबार किया जा रहा है।
अब जबकि क्षेत्र के वनों से आच्छादित करने के लिए पेड़ लगाये गये हैं इसे भी सही सलामत रखने के लिए वन विभाग तथा सामाजिक स्तर पर समुचित प्रयास का अभाव दिख रहा है। प्रत्येक पंचायत में 10 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य था। जिसमें से कई पंचायत लक्ष्य से पीछे हैं।
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