Saturday, January 14, 2012

मिटा डालिये असल के ख्वाब को..


अररिया : दिसंबर के महीने में अररिया आरएस स्थित एक सामान्य से दिखने वाले घर में एसपी शिवदीप लांडे सदलबल पहुंचते हैं। भीतर जो कुछ हो रहा था उसे देख कर सबकी आंखें फटी की फटी रह जाती हैं। हल्दी पैकिंग की मशीन में प्लास्टिक के पाउच लगे थे और उसमें हल्दी के साथ लकड़ी के बुरादे मिला कर उसे पैक किया जा रहा था। पैकेट पर मुस्कान नामक ब्रांड अंकित था। श्री लांडे ने इसी दिन मिलावटी मसाले,खाद्य तेल, वनस्पति सहित नकली सामानों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया।
मसाले में लकड़ी के बुरादे की मिलावट और खाने के तेल में घटिया तेलों की मिलावट .., बता यहीं तक रहती तो एक बात थी, इस जिले में मिलावटखोरों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वे मिठाई, चावल, दाल सहित तकरीबन हर खाद्य वस्तु में मिलावट कर रहे हैं। नक्काल व्यवसायी अब असल के ख्वाब को ही मिटा रहे हैं।
जानकारों की मानें तो जिले के दो एक होटलों को छोड़ कर तकरीबन सभी दुकानों में नकली व रेडीमेड मिठाईयां खुलेआम बेची जा रही हैं। नकली मावा व नकली पनीर की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है। कहीं कोई अंकुश लगाने वाला नहीं।
जिला प्रशासन नकली सामानों के प्रयोग पर नियंत्रण पाने में सफल नहीं हो रहा दिखता है। जिले में खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता की जांच करने वाला कोई अधिकारी भी नहीं है। वहीं, मिलावट का दंश हर रोज बढ़ता ही जा रहा है।
यहां तक कि बकरे के मीट में बैहला बकरी के मीट की मिलावट और लोकल मछली में बासी आंध्रा मछली की मिलावट खुलेआम हो रही है। मैना की स्कीनिंग कर उसे चहा बता कर लाइन होटलों में परोसा जाता है।
वहीं, खाने की चीजों को ताजा व चमकदार बनाये रखने के लिए केमिकल का प्रयोग खूब किया जा रहा है। परवल, करेला व अन्य सब्जियों को हरे रंग से रंगा जाता है। बैगन को चमकीला बनाये रखने के लिए उसे ग्रीस लगे कपड़े से पालिश मारा जाता है।
ग्रामीण मेले में जो रंगीन जलेबियां आपको ललचाती हैं वे सेहत के लिए कितनी जहरीली हैं यह उसमें मिले चंपई रंग के रैपर पर पढ़ लीजिए। जहां साफ लिखा है कि इस रंग का प्रयोग सवस्थ्य के लिए खतरनाक होता है।
मिलावटी सामानों के प्रयोग से उपभोक्ता परेशान हैं और नित नयी बीमारियों को झेलते रहते हैं। चिकित्सक डा. एसके सिंह का कहना है कि केमिकल युक्त खाद्य पदार्थो से हार्ट, किडनी व लीवर जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर खराब असर पड़ता है। वहीं इससे पेट की नयी नयी बीमारियों सामने आती हैं।
उन्होंने बताया कि जिले में लाखों लोग पेट की क्रानिक बीमारियों से पीड़ित हैं। यह सब केवल मिलावटी सामानों की वजह से हो रहा है।

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