नरपतगंज (अररिया) : प्रखंड क्षेत्र में किसानों को आलू का खेती करना काफी महंगा साबित हुआ है। आलू कृषकों को लागत पूंजी का आधा मूल्य ही मिल रह है। क्षेत्र के आलू कृषक इस परिस्थिति के कारण मायूस हैं। कृषक फिर से कर्ज के तले दब रहे हैं। बैंक तथा साहुकारों के कर्ज वे कैसे अदा करेंगे यह चिंता उन्हें सता रही है।
आलू कृषकों का कहना है कि जिस समय में आलू को परिपक्व होना था उसी समय अत्याधिक ठंड एवं पाला गिरने के कारण आलू की फसल नष्ट हो गयी। पाला का असर इतना अधिक था कि बाजारों में उपलब्ध कोई रसायनिक दवा उसके लिए उपयुक्त साबित नहीं हुआ। एक तो पाला का असर दूसरा बाजार का भाव इतना कम है कि किसानों को प्रति एकड़ 10 से 12 हजार रुपया ही आ रहे हैं। जबकि लागत पूंजी प्रति एकड़ में 20 से 22 हजार है। इस तरह प्रति एकड़ 10 से 10 हजार का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। आलू कृषक रवि शंकर राय, मिश्री लाल राय, सुनिल सिंह, कमलेश्वरी सिंह, मो. इसमाइल आदि बताते है कि अत्यधिक पाला गिरने से आलू की फसल बर्बाद हो गई तथा महंगाई अधिक होने के कारण आलू में लागत पूंजी भी अधिक लगी है। पर बजारों में भाव कम होने के कारण काफी परेशानी आ रही है। इतना ही नही अब तो किसानों को आगे की खेती करना मुश्किल लग रहा है।
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