Saturday, January 14, 2012

देवताओं की सुबह शुरू होगी अब ..


रेणुग्राम (अररिया) : श्रद्धा, आस्था एवं देश की संस्कृति तथा सभ्यता को उजागर करने वाला तिल संक्रांति (मकर संक्रांति) का पर्व रविवार को मनाया जायेगा। धार्मिक मान्यताओं के अलावा वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक फल देने वाला त्यौहार है तिल संक्रांति। मकर संक्रांति पर स्नान, दान का विशेष महत्व होने के चलते क्षेत्र से लोग गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम प्रयाग में तो कई गंगा सागर तो कुछ लोग बटेशपुर, मनिहारी, बरारी, काढ़ागोला स्थित गंगा एवं कोसी सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने निकल गये हैं।
वहीं, इस अवसर पर दही, चूड़ा, गुड़, तिलकूट आदि का भोजन ग्रहण करेंगे। इस अवसर पर परंपरा के अनुसार घर के बड़े बूढ़ों द्वारा तिल, चावल, केले का मिश्रित प्रसाद तिल के हर कण की तरह प्रवाहित होने के लिए दिया जायेगा। यू तो यह पर्व 14 जनवरी को पहले मनाया जाता था पर इस वर्ष यह पर्व 15 जनवरी को हो रहा है। मकर संक्रांति के अवसर पर आज सूर्य सौर मंडल के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के साथ सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की स्थिति में आ जाने से हिन्दू धर्मावलंबी सारे शुभ कार्यो का श्री गणेश बड़े ही उत्साह से करते आ रहे है। आज के दिन से सूर्य गति तिल-तिल कर बढ़ती है। इसलिए शास्त्रों में इस मौके पर स्नान एवं दान का बहुत महत्व है। ऐसी भी मान्यता है कि आज के दिन सभी देवी देवता स्नान करने आते है। मकर संक्रांति में घी, खिचड़ी, दही व पापड़ का भोजन खाने की भी प्रथा है।

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