Monday, January 9, 2012

अररिया में आरटीपीएस सेवा की रफ्तार पड़ी धीमी

अररिया : राज्य सरकार द्वारा 15 अगस्त 2011 को बिहार लोक सेवा का अधिकार कानून लागू कर आम लोगों को सेवा प्राप्त करने में आसान कर दिया। लेकिन अररिया जिले में आरटीपीएस एक्ट के तहत दी जाने वाली सेवा की एक रफ्तार धीमी पड़ गयी है। जाति, निवासी एवं आय प्रमाण पत्र को छोड़ सारे सेवाओं में विलंब किया जा रहा है खासकर दाखिल खारिज व एलपीसी निर्गत करने में अधिकारियों की शिथिलता सामने आ रही है। इसी का नतीजा है कि फारबिसगंज डीसीएलआर ने प्रथम अपील की सुनवाई के दौरान एक सीओ को आर्थिक दंड लगाया। जिले में अधिकारियों ने सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत गरीब वृद्ध, विकलांग व विधवा को दी जाने वाली पेंशन योजना में अपनी दिलचस्पी नही दिखा रहे हैं। इसका खुलासा प्रशासनिक सुधार मिशन निदेशक बी. राजेन्द्र को दिये गये रिपोर्ट से होता है। गत 05 जनवरी को बी. राजेन्द्र अररिया में ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा के साथ-साथ आरटीपीएस एक्ट की भी समीक्षा की थी। जिला प्रशासन द्वारा दिये गये रिपोर्ट के अनुसार 15 अगस्त 2011 से 5 जनवरी 2012 तक विभिन्न पेंशन योजना के तहत 8405 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से मात्र 1900 लोगों का काम हुआ, शेष 6605 पेंशन आज भी कार्यालयों में लंबित है। इसमें सबसे खराब स्थिति जोकीहाट एवं सिकटी प्रखंड की है, जहां एक्ट लागू होने के बाद एक भी पेंशन का निष्पादन नही हुआ है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन की प्रखंडवार स्थिति:-
प्रखंड प्राप्त आवेदन निष्पादन लंबित
अररिया 915 105 910
फारबिसगंज 1345 590 755
जोकीहाट 218 0 218
सिकटी 1286 0 1286
नरपतगंज 463 107 356
भरगामा 1373 235 1138
कुर्साकांटा 831 385 446
रानीगंज 559 284 275
पलासी 1415 194 1221

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