अररिया : बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा संचालित सर्वशिक्षा अभियान कार्यक्रम के तहत भले हीं प्रशासन के सख्ती के कारण 90 प्रतिशत से उपर राशि खर्च कर दी गयी हो, पर उस राशि के उपयोग के अनुश्रवण के प्रति अधिकारी लापरवाह बने हैं। राशि का उपयोग किस तरह किया जा रहा, इसे देखने वाले न तो प्रशासनिक अधिकारी है और न हीं शिक्षा विभाग के अधिकारी व एसएसए के अभियंता। एसएसए द्वारा हाल के दिनों में जिले के कई इलाकों में नये स्कूल भवन, अतिरिक्त वर्ग कक्ष आदि का निर्माण कराया जा रहा है। परंतु गुणवत्ता का ध्यान सही ढंग से नहीं रखा जा रहा है।
अररिया प्रखंड अंतर्गत साहसमल पंचायत में प्राथमिक विद्यालय सिसुआ मुसहरी में जो भवन निर्माण का कार्य हो रहा है, उसमें भारी पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है। घटिया ईट व लोकल बालू से बिल्डींग का काम हो रहा है। भवन में जोड़े गये ईट दीवार को देखने से साफ स्पष्ट होता है कि गुणवत्ता ताक पर रख कर कार्य हो रहा है। अगल-बगल के ग्रामीणों के साथ-साथ कुछ शिक्षकों ने भी नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि हम लोग क्या करें सर। ग्रामीणों ने कहा कि आज तक शिक्षा विभाग का काई इंजीनियर या अधिकारी इस मकान की जांच करने नही पहुंचा है। कुछ यही स्थिति प्राथमिक विद्यालय तीयर टोला का भी है। जहां घटिया सामानों का प्रयोग हो रहा है। इस संबंध में एसएसए के जेई श्रीकांत विद्यार्थी ने बताया कि इस बारे में मुझे कोई जानकारी नही है। उन्होंने खुद इस संवाददाता से ही पूछा की वहां कौन तकनीकी पर्यवेक्षक जा रहे हैं, जरा पता कीजीए। वहीं अररिया बीईओ डा. बैजू झा ने बताया कि यह मामला तकनीकी है। इसकी जवाबदेही एसएसए के टीएस, जेई व एई की है। कुल मिलाकर सभी लोग अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
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