बथनाहा(अररिया) : मंगलवार को ट्रेन से कटकर तीन मजदूरों के मारे जाने से पूर्व पिछले चार वर्षो में बथनाहा स्टेशन के आसपास आठ लोगों की जान ट्रेन की चपेट में आने से हो चुकी है। मंगलवार को बथनाहा स्टेशन से पहले पुल संख्या 56 व 57 के बीच में 103 किमी के निकट एक साथ तीन व्यक्तियों की ट्रेन से कटकर हुई दर्दनाक मौत ने क्षेत्रवासियों का दिल दहला दिया। एक साथ तीन तीन लोगों का ट्रेन से कटना क्षेत्र की पहली घटना है। इससे पूर्व इतनी ह्रदय विदारक घटना लोगों ने नहीं देखी थी। मरने वाले तीनों युवकों की मौत का कारण मोबाइल बताया जा रहा है। तीनों मोबाइल इयर फोन कान मे लगाकर गाना सुनते हुए रेलवे ट्रैक पर जा रहे थे। शायद इसीलिए उन्हें ट्रेन का हार्न सुनाई नहीं दिया।
इससे पूर्व वर्ष 2011 में भी अलग अलग माह में कुल तीन लोगों की जान ट्रेन से कटकर हो चुकी है। इनमें दो महिला एवं एक वृद्ध थे। वर्ष 2011 में 28 मई एवं 26 दिसंबर को दो महिलायें ट्रेन से कटकर बथनाहा में मर गयी थी। दोनों विवाहित थी। 23 नवंबर को बथनाहा स्टेशन पर एक 70 वर्षीय वृद्ध की मौत ट्रेन पर चढ़ने के दौरान फिसल जाने के कारण ट्रेन की ठोकर से हो गयी। दूसरे वर्ष 2010 में भी एक महिला की मौत केजे 70 के निकट कटकर हो गयी। जबकि वर्ष 2009 में 5 अक्टूबर को एक महिला की मौत भी बथनाहा स्टेशन पर ही सीमांचल एक्सप्रेस की ठोकर से हो गयी थी। इससे पूर्व 2009 में ही केजे 69 के निकट एक युवक की 6 अगस्त को ट्रेन के ठोकर से हुई थी। वर्ष 2008 में भी 23 सितंबर एवं 17 अक्टूबर को ट्रेन की ठोकर से दो महिला की मौत बथनाहा में हुई थी। उल्लेखनीय है कि ट्रेन से कटकर 2008 से 2011 तक मरने वाली 6 महिलाओं एवं 2 पुरूष हैं। जबकि 10 जनवरी 2012 को मरे तीनों युवक हैं। इस तरह अब तक कुल 11 लोगों की जान रेल से कटकर हो चुकी है। वहीं मरने वालों में अधिकांश की शिनाख्त भी रेल प्रशासन द्वारा अब तक नहीं की जा सकी है।
वहीं क्षेत्र के लोगों की माने तो आत्म हत्या के उद्ेश्य से भी लोग ट्रेन के नीचे आ जाते हैं।
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