Wednesday, April 11, 2012

बुनियादी सुविधाओं से दूर महादलित बस्तियां


जोकीहाट (अररिया) : सरकारी कोशिशों के बावजूद प्रखंड की महादलित बस्तियां बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं। अधिकांश महादलित बस्तियों में अब भी सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, बिजली की व्यवस्था नहीं हो सकी है। यहां तक की बासगीत पर्चा भी इन बस्तियों के भूमिहीनों को नहीं मिल सका है। ललुवाबाड़ी गांव के लगभग सौ घर की आदिवासी जनजाति के लोगों को घर बनाने के लिए कोई जगह अब तक अंचल द्वारा मुहैया नहीं किया गया है। इन आदिवासियों को न तो इन्दिरा आवास, चापाकल, स्कूल, तक नहीं दी गई है। सुविधाविहीन होने से कई लोग गांव छोड़ने को तैयार हैं। स्कूलों के अभाव में बच्चे यूं ही आवारा फिरते रहते हैं। ग्रामीणों में धूमा वासूकी, लोथर सोरेन, निताइ मूर्मू आदि ने बताया कि नदी के उसपार स्कूल है छोटे-छोटे बच्चे नदी तैरकर कैसे स्कूल जाएगें? ग्रामीणों ने बताया कि न तो पंचायत प्रतिनिधि और न हीं प्रशासन की ओर से कोई ध्यान दिया जा रहा है। बासगीत पर्चा के संबंध में पूछने पर बीडीओ मो. सिकंदर ने बताया कि ललूवाबाड़ी के निकट जमीन की खोज अंचलाधिकारी के स्तर से की जा रही है। ऐसी ही कमोवेश स्थिति अन्य दलित व महादलित बस्तियों की है। सही मायने में देखा जाय तो सरकारी योजनाओं का लाभ महादलित गाव में बहुत कम नजर आता है।

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