भरगामा (अररिया) : अगर आप पान-पुड़िया गुटखा के शौकीन हैं और भरगामा आ रहे हैं तो आपका शौक आपके पाकेट पर भारी पड़ सकता है। यहां के दुकानदार इसे मनमाने ढंग से बेचते है। दिलचस्प यह है कि इस संबंध में न तो उत्पाद विभाग गंभीर है और न हीं स्थानीय प्रशासन हीं।
पान में प्रयुक्त अधिकांश मसाले कत्था, सुपाड़ी, जर्दा या तुलसी पत्ती या तो डुप्लीकेट होते हैं या गुणवत्ता हीन। कमोवेश यही हालत रजनीगंधा, पान पराग, पान मसाला, मधु आदि की भी है। यह तो हुई गुणवत्ता की बात जबकि ग्राहकों के मुताबिक गुटखा आदि लगभग सभी उत्पाद की कीमत व्यवसायियों के द्वारा अंकित मूल्य से अधिक वसूल की जाती है जो दोगुनी तक भी होती है।
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