अररिया : महंगाई की मार से पुस्तकें भी अछूती नही हैं। बढ़ती कीमतों और पाठकों के बीच की दूरी को पाटने के लिए प्रकाशकों ने पुस्तकों के अजिल्द संस्करण छापने शुरू कर दिये हैं। अल्प मूल्य वाली ये पुस्तकें प्रेमियों को सर्वाधिक लुभा रही हैं।
नेताजी सुभाष स्टेडियम में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेला सह रेणु महोत्सव में तमाम स्टाल्स पर ऐसी पुस्तकें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। पुस्तक-प्रेमियों के बीच यह पुस्तकें 15 अप्रेल तक ही हैं। समय प्रकाशन के स्टाल से अजिल्द संस्करण के अंतर्गत प्रकाशित रवीन्द्र नाथ टैगोर, जयशंकर प्रसाद, प्रेमचन्द की श्रेष्ठ कहानियां, गबन, गोदान, निर्मला, वरदान, बड़ी दीदी, हंस ले इंडिया, अगर राममनोहर लोहिया होते, विकल्प की खोज, महात्मा गांधी की सत्य के प्रयोग: आत्मकथा, भारत के क्रांतिकारी, हमारे क्रांतिकारी विचारक, आजादी के दीवाने आदि ऐसी पुस्तकें हैं जिन्हें पुस्तक प्रेमी पसंद कर रहे हैं। भारतीय ज्ञानपीठ के स्टाल से शिवाजी सावंत, इंदिरा गोस्वामी, नागनाथ इनामदार, आशापूर्णा देवी, विश्वास पाटिल, महाश्वेता देवी, प्रतिभा राय की पुस्तकें खूब बिक रही हैं। ज्ञानपीठ के लोकोदय संस्करण के अंतर्गत प्रकाशित उपन्यास, कहानियों की पुस्तकें पाठक चुन रहे हैं। मनोज पब्लिकेशन के स्टाल पर शरतचंद साहित्य, टैगोर, बंकिमचंद, विश्व प्रसिद्ध परियों की कहानियां, बच्चों की शिक्षाप्रद कहानियां, दादी नानी की कहानियां, अकबर बीरबल की कहानियां, पंचतंत्र, हितोपदेश, अरेबियन नाईट्स, किस्सा तोता मैना, जातक कथाएं, सिंहासन बत्तीसी, गुलीवर की यात्राएं जैसी पुस्तकें बच्चों एवं पुस्तक प्रेमियों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। राजपाल एंड सन्स के स्टाल पर सजिल्द पुस्तकों के साथ अजिल्द भारी संख्या में उपलब्ध है। उपन्यास में कमलेश्वर का कितने पाकिस्तान, आरके नारायण का गाईड, मालगुड़ी की कहानियां, महात्मा का इंतजार, शोभा डे का संध्या का सिकेट, नरेन्द्र कोहली का आतंक, जंगल, प्रतिभा राय का द्रोपदी, कृष्ण चन्द्र का एक गधे की आत्मकथा, सत्यजोत राय की कहानियां हैं। राजकमल प्रकाशन के स्टाल पर शरतचंद्र, मन्नू भंडारी, यशपाल, अमृतलाल नागर, भगवतीचरण वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर, निराला पंत, महादेवी वर्मा, नरेश मेहता, श्रीलाल शुक्ल, जैसे श्रेष्ठ रचनाकारों की रचनाओं के अजिल्द संस्करण उपलब्ध हैं। इस्लामिक बुक स्टाल पर हिन्दी और उर्दू और हिन्दी की तमाम ऐसी पुस्तकें हैं जिन्हें पुस्तक प्रेमी पसंद कर रहे हैं।
रेणु की कहानी बट बाबा का पाठ:
मेला परिसर में रेणु की चर्चित कहानी बट बाबा का पाठ किया गया। और इस कहानी के बहाने कथा साहित्य में रेणु के योगदान पर भी विस्तार से चर्चा हुई। सायं 6 बजे रेणु की चर्चित फिल्म तीसरी कसम का प्रदर्शन भी हुआ।
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