जोगबनी (अररिया) : जब जब पृथ्वी पर पाप बढ़ता है तो प्रभु अवतार लेते हैं। श्री राम ने भी अवतार ले राक्षसों का नाश किया। प्रभु की लीला अगम अपार है।
उपरोक्त बातें नेपाल के विराटनगर स्थित तोदी भवन में आयोजित राम चरित्र मानस अमृत वर्षा ज्ञान के दूसरे दिन अपने प्रवचन में सुधीर जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि प्रभु छोटे बड़े देख नही आते। वो प्रेम के भूखे हैं। अगर ऐसा होता तो सबरी के जूठे बैर खाने प्रभु उनकी कुटिया में नही विराजते। महाराज जी सीता हरण संवाद पर प्रवचन देते हुए कहा कि प्रभु तो अन्तर्यामी थे उन्हें सब पता था कि सोने का हिरण माया है फिर भी उसके पीछे भागे और रावण ने सीता हरण किया।
उन्होंने कहा कि सच्चे मन से प्रभु को याद करने वाला ही ज्ञानी है। बाल्मिकी ने सच्चे मन से प्रभु को याद किया और उन्हें प्रभु ने अपने शरण में लिया। इस अवसर पर नौ दिवसीय अमृत वर्षा ज्ञान के आयोजक नेपाल-भारत मैत्री परिषद के सचिव यशोदा दहाल, कोषाध्यक्ष पुष्पा दहाल, उपाध्यक्ष राजेश पोखरेल सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
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