जोकीहाट (अररिया) : प्रखंड ही नहीं बल्कि जिले भर में बाढ़ राहत योजना मद अंतर्गत चिरह पंचायत को आवंटित 400 इंदिरा आवास में चालीस लाख रुपये के गबन का मामला चर्चा का विषय रहा है। तत्कालीन बीडीओ फिरोज र्नम 2004-05 में उक्त राशि के गबन मामले को बड़ी चतुराई पूर्वक अंजाम दिया था। फर्जी सूची, फर्जी अंगुठा निशान लगाकर बीयरर चेक के माध्यम से विभिन्न बैंक शाखाओं से 400 अज्ञात लाभुकों के नाम से अवैध राशि की निकासी कर ली गई थी। इतना हीं नहीं श्री नईम द्वारा अधिकतर चेक तथा कागजात बिना कार्यालय के माध्यम से सीधे तैयार किया गया था। इस गबन में दो अन्य आरोपियों में तत्कालीन पंचायत सचिव गंगा प्रसाद विश्वास व इन्द्रकांत मिश्र के नाम भी शामिल हैं। तत्कालीन बीडीओ फिरोज नईम की हुई गिरफ्तारी से घोटाले के छुपे कई तथ्यों के खुलासे की उम्मीद पुलिस लगा रही है। सूत्रों का मानना है कि इतने बड़े घोटाले को अंजाम देने में बीडीओ सहित तीन ही नहीं बल्कि और भी कई लोगों के हाथ हो सकते हैं। फिलहाल बीडीओ की गिरफ्तारी से घोटालेबाजों में हड़कंप मचा है। दूसरी ओर वर्ष 300-04 में चिल्हनियां पंचायत के तत्कालीन मुखिया जावेद आलम एवं बीडीओ फिरोज नईम के विरुद्ध भी जुलाई 2009 में नूर अहमद शिवली (बीडीओ) ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी नेशनल मानीटर बीके गुप्ता, ग्रामीण विकास विभाग, नई दिल्ली के जांच के आधार पर की गई थी। श्री गुप्ता के जांच के क्रम में तत्कालीन बीडीओ फिरोज नईम व मुखिया जावेद आलम द्वारा फर्जी ग्राम सभा कर राशि गबन का मामला प्रकाश में आया था। पूर्व मुखिया द्वारा चिल्हनियां में सरकारी योजना की राशि से मस्जिद एवं दीवाल का निर्माण कराया गया जिसे नेशनल मोनीटर की टीम ने धार्मिक स्थल पर सरकारी राशि के दुरूपयोग का मामला बताया था।
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