नरपतगंज (अररिया) : सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। सूबे में शीतलहरी का प्रकोप बढ़ी हुई है। ऐसे में खुद के साथ-साथ बच्चों के देखभाल की भी ज्यादा जरूरत है। खासकर नवजात शिशुओं के मामले में लापरवाही परेशानी का सबब बन सकती है। सर्दी के मौसम में छोटे बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
- बच्चों को क्या क्या हो सकती है दिक्कतें
बाल रोग विशेषज्ञ डा. निलेश प्रधान का कहना है इस मौसम में शरीर का तापमान कम हो सकता है जिसे हायपोथर्मिया कहा जाता है। नवजात शिशुओं में इसका खतरा अधिक रहता है। सांस की नली में संक्रमण या फेफड़ों में संक्रमण (निमोनिया) भी हो सकता है। कई बार पीड़ित बच्चों को दमे का अटैक भी पड़ जाता है। जाड़े में ब्रौंकाइटिस व ब्रोकियोतनाइिटस बीमारी बढ़ जाती है। इसके लिए डाक्टर से अवश्य सलाह लेनी चाहिए।
पहली सर्दी है खतरनाक
डा. योगेन्द्र सिंह कहते हैं, जिन नवजातों की पहली सर्दी है, उन अभिभावकों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है बचाव के लिए विशेषज्ञ की सलाह पर अमल करना चाहिए।
- नौनिहालों का ऐसे रखें ध्यान
- कमरे का तापमान 20-30 डिग्री रखें, लेकिन ध्यान रहे कि इसमें घुटन न हो।
- बच्चे को टोपी, ग्लब्स, मोजे पहनाकर रखें लेकिन मुंह खुला रखें।
- बच्चों को नियमित टीकाकरण कराना आवश्यक है।
- मां का दूध ज्यादा से ज्यादा पिलाया जाए।
- यदि मां को खांसी जुकाम है तो मां मुंह पर कपड़ा रखकर ब्रेस्टफीडिंग कराये
- संक्रमित बीमार लोगों से बच्चे को दूर रखे।
- बच्चों के आसपास ध्रूमपान करने से बचे।
- दमा पीड़ित बच्चे को न तो ठंडी हवा में ले जायें और न पालतू जानवरों के संपर्क में आने दें।
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