अररिया : अररिया के पुलिस कप्तान शिवदीप लांडे के नेतृत्व में चलाये गये छापामारी अभियान में भूमि दस्तावेज फर्जीवाड़ा में अंतर्जिला गिरोह के शामिल होने की पुष्टि हुई है। इस रैकेट में अररिया, किशनगंज एवं पूर्णिया के दलाल व बिचौलिये सक्रिय हैं। इस बात का खुलासा रामपुर मोहनपुर से गिरफ्तार साहेब लाल साह से पूछताछ के बाद हुआ है। छापामारी के दौरान पुलिस ने जीरो माइल स्थित महतो ट्रेडर्स दुकान से काफी संख्या में फर्जी केबाला, बैंक के पासबुक व तीन दर्जन मोहर बरामद हुआ है तथा वहां से एक दलाल साहेब लाल भी पकड़ में आया जिसके घर से भी काफी आपत्ति जनक सामान बरामद हुआ है। जब्त सामानों में अररिया के कई अधिकारियों के साथ साथ किशनगंज एवं पूर्णिया के भी रजिस्ट्रार व अंचल पदाधिकारियों के मुहर भी शामिल हैं। ग्रामीणों के अनुसार गिरफ्तार मुंशी के पास लगभग 1000 हजार कलम भी हैं। हालांकि पुलिस को यह हाथ नहीं लग पाया। गिरफ्तार मुंशी हर एक जिले के अधिकारियों के दस्तखत हूबहू उसी तरह के इंक वाले कलम से करता था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी दस्तावेज बनाने में हल्का कर्मचारियों की सहभागिता भी होती थी। कई प्लेन दस्तावेज मुंशी को हल्का कर्मचारियों व अंचल कार्यालय से मुहैया होती थी और कई दस्तावेज पटना से प्रिंट करके मंगाया जाता था। इसके लिये बतौर हल्का कर्मचारियों को 15 से 30 प्रतिशत कमीशन भी दिया जाता था। जानकारी के अनुसार मुंशी जी फर्जी दस्तावेजों के निर्माण में पंद्रह वर्षो से लगे थे। बताया तो यह भी जाता है कि जिले के पलासी, जोकीहाट, बरदाहा, किशनगंज के बायसी, ठाकुरगंज, बहादुर गंज, पूर्णिया के अमौर स्थित बैंकों में मुंशी द्वारा बनाये गये कागजात बड़े पैमाने पर लगे हैं। फर्जी कागजातों के आधार पर फर्जी किसानों के नाम पर करोड़ों का किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि ऋण का भुगतान कराया गया है। हालांकि यह जांच का विषय है लेकिन अररिया के एसपी श्री लांडे इस बात से इंकार नही करते इस गिरोह के जाल कई अन्य जिलों में भी बिछा हुआ है। हालांकि इस गिरोह में कई बैंक कर्मियों, अधिवक्ताओं, अंचल कर्मियों के नाम का भी खुलासा हुआ है। लेकिन पुलिस फिलहाल उसे गुप्त रखकर अनुसंधान की प्रक्रिया आगे बढ़ाना चाह रही है। एसपी ने यह भी बताया कि गणतंत्र दिवस के बाद इस दिशा में कार्रवाई तेज होगी और सीमावर्ती जिले के अधिकारियों को भी सूचना दी जायेगी।
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