भरगामा (अररिया) : फर्जी जमीन के कागज पर प्रखंड के उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा वीरनगर से लाखों रुपये के केसीसी ऋण की निकासी करने का मामला प्रकाश में आया है। केसीसी ऋण आवंटन में कई भूमिहीन भी शामिल हैं। भाजपा जिला मंत्री संतोष सुराना ने पूर्व में ही जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर मामले की पड़ताल करने की मांग की है। इधर, शाखा प्रबंधक ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। वहीं पुलिस कप्तान शिवदीप लांडे ने कहा कि जल्द ही बैंक द्वारा दिए गए ऋण के दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
श्री सुराना के अनुसार बैजूपट्टी वार्ड सं. चार निवासी मो. नईम से इंदिरा आवास दिलाने के नाम पर फोटो पहचान पत्र लेकर फर्जी तरीके से उसके नाम पर केसीसी ऋण निकाल लिया गया। वहीं, बैजूपट्टी निवासी वार्ड 04 मो. इशो की 15 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है। लेकिन उसके नाम पर मो. जलाल का पहचान पत्र लगाकर केसीसी ऋण निकाल लिया गया। उसी तरह विषहरिया निवासी मो. इलियास की पत्नी जैबुन निशा को जमीन नहीं रहने के बावजूद केसीसी खाता सं. 225 पर ऋण उठाव कर लिया गया। अमरूल हक, पिता मो. इदरीश, जन्नतपुर, विषहरिया को भी जमीन नहीं रहने के बावजूद उक्त बैंक से ऋण दिया गया है। इसी तरह करीब एक दर्जन से अधिक भूमिहीनों केसीसी ऋण देने की बात सामने आई है। भाजपा जिला मंत्री ने कहा कि पहली बार उक्त बैंक के शाखा प्रबंधक से 21.02.11 को केसीसी ऋण के खाताधारियों का खाता संख्या व नाम आरटीआई के तहत मांगा था। इसके बाद बैंक के महाप्रबंधक से भी 6.8.11 को आरटीआई के तहत ऋण खातेधारियों के नाम व खाता संख्या की मांग की। इस पर महाप्रबंधक ने पत्र संख्या एचओ/डीएडी/आरटीआई/04/011.12 नं. 29 दिनांक 20.08.2010 को रिजनल मैनेजर अररिया पत्र निर्गत कर उ. बिहार ग्रा. बैंक वीरनगर के ऋण धारियों का खाता सं. व नाम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
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