फारबिसगंज (अररिया) : जैन समुदाय के द्वारा बिहार में पहली बार आयोजित दीक्षा समारोह के आयोजन पर दीक्षा ग्रहण दी जा रही मुमुक्षु सुश्री गरिमा बोथरा का शुक्रवार को दीक्षा स्थल पर जैन समुदाय द्वारा अभिनंदन किया गया। गोयल स्कूल सामने बनाये गये दीक्षा समारोह स्थल पर अभिनंदन समारोह में गरिमा के त्याग और दृढ़ इच्छा शक्ति का गुणगान किया गया। वहीं गरिमा के लिए महिला-पुरुषों की आंखों से आंसू भी बहते रहे। गरिमा ने अनी स्वेच्छा से संसारिक जीवन विधिवत रूप देने के लिये उन्हें दीक्षा दिलायी जा रही है।
इससे पूर्व भी फारबिसगंज की राजस्थान मूल की दो महिलाएं साधू मार्गी जीवन अपना ली और प्रदेश से बाहर जाकर दीक्षा ग्रहण कर ली। करीब 1975 ई. में स्थानीय निवासी राजस्थान मूल की राज प्रभा जी सेठिया 22 वर्ष की अल्पायु में साध्वी बन गई। वह असम में नौगांव में जाकर दीक्षा ग्रहण की। वर्ष 1997 ई में सूरजमल जी दुग्गड़ की पत्नी साधना श्री जी 70 वर्ष की आयु में साध्वी बन गई। एक बार फिर गरिमा के साध्वी बनने को लेकर दुनियां भर में फैले जैन समुदाय के लोगों के बीच फारबिसगंज चर्चा का कारण बना हुआ है।
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