Sunday, January 29, 2012

टूट रही किसानों की आस, बैंक कर रहे निराश


अररिया : जिले में किसानों के लिए चल रही केसीसी ऋण योजना चालू वित्तीय वर्ष के दस माह खत्म होने के बाद भी निर्धारित लक्ष्य से कोसों दूर है। वहीं दूसरी तरफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंकों से केसीसी के नाम पर अब तक करोड़ों रुपये की कथित निकासी करने की आश्ाका भी व्यक्त की जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2011-12 का करीब दस माह का समय बीत गया है, परंतु अब तक मात्र 35 प्रतिशत की उपलब्धि हो पाई है। जबकि केसीसी ऋण का लक्ष्य पूरा करने के लिए जिला पदाधिकारी एम. सरवणन, डीएलसीसी की बैठकों में कड़े निर्देश देते रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि वे निर्देश बैंक अधिकारी नहीं मानने के लिए ही सुनते रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक चालू वर्ष में जिले में कुल 66503 केसीसी स्वीकृत किया जाना था। इसमें 39902 नया तथा 26601 नवीकरण केसीसी का लक्ष्य है। पर ताज्जुब है कि चालू वित्तीय वर्ष का जनवरी माह भी खत्म होने पर है और अब तक 87 बैंक शाखाओं ने मात्र 19746 केसीसी स्वीकृत किया है। इसके तहत अब तक 45 करोड़ रूपये की निकासी होने की जानकारी भी है।
दिलचस्प पहलू यह है कि एसपी शिवदीप लांडे ने सोमवार को जब महतो ट्रेडर्स में छापामारी कर फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था तो उस समय सबसे अधिक कागजात सेंट्रल बैंक के मिले थे। हालांकि वह कागजात किस शाखा से जुड़े थे इसका खुलासा अबतक नही हो पाया है।
वहीं, सरकारी आंकड़े पर गौर करें तो केसीसी ऋण देने में सेंट्रल बैंक कोई रुचि नही ले रहा है। सेंट्रल बैंक के जिले में कुल 8 शाखाएं है। इन शाखाओं को 4994 नया तथा 3329 केसीसी करना है। पर 31 दिसंबर तक सभी 8 ब्रांच ने मात्र 417 केसीसी ऋण स्वीकृत किया गया है जो केसीसी के प्रति उनकी रुचिहीनता को साफ दर्शाता है। इस 417 केसीसी पर 14 करोड़ 56 लाख 82 हजार रुपया स्वीकृत किये गये हैं। सेंट्रल बैंक के शाखावार आंकड़ों पर गौर करें तो पलासी की शाखा तीन अंक पार चुकी है। बताया जाता है कि पलासी में केसीसी के नाम पर दबंग लोग बिचौलियागिरी करते हैं। क्या इसीलिए वहां 148 केसीसी स्वीकृत हो गया है? जबकि फारबिसगंज शाखा ने 52, अररिया 56, नरपतगंज मात्र 5, जोगबनी 10, सिकटी शाखा में 50, भरगामा में 77 तथा गैरकी में मात्र 14 केसीसी ऋण स्वीकृत किये गये हैं। हैरत की बात तो यह है कि अगर यूबीजीबी बैंक की 27 शाखाओं को दरकिनार कर दिया जाए तो जिले की 50 कर्मिशियल बैंक शाखाओं ने मिलकर अबतक मात्र 3591 केसीसी स्वीकृत किया है। यूबीजीबी को इस वर्ष 22124 नया व 14749 रिनूअल केसीसी करने का लक्ष्य निर्धारित है। कुल मिलाकर जिले में केसीसी ऋण स्वीकृत करने में बैंक दिलचस्पी नही दिखा रहे हैं।

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