Wednesday, April 11, 2012

अराजक ट्रैफिक यानी हादसे ही हादसे

अररिया : अररिया में सड़कें पहले से बेहतर हुई हैं, लेकिन इस बेहतरी के बीच असमय मौतों का अभिशाप भी सिर चढ़कर बोल रहा है। विगत साल सड़क हादसों में 88 मरे, इनमें सर्वाधिक मौत बेलगाम ट्रैक्टर चालकों ने बांटी। अमूमन नौसिखिया चालकों ने 20 जिदंगियों को खामोश कर दिया। वहीं, ट्रकों से टकरा कर 15 व कार हादसों में 19 जानें गयीं।
सड़क हादसों के प्लेस पर नजर दौड़ाएं तो एनएच पर 24 तथा स्टेट हाइवे पर 25 लोगों ने जान गंवायी। वहीं, मौत बांटने में गांव भी पीछे नहीं रहे। ग्रामीण सड़कों पर 33 मौतें हुई। जान गंवाने वाले चालकों में 25 से 34 साल के युवाओं की संख्या 15 रही।
जरा मौसम पर गौर करें तो रुचिकर तथ्य सामने आते हैं तथा इनसे चालकों के अराजक माइंडसेट का भी पता चलता है। हादसों में होने वाली मौतों में से 51 मौत व 54 गंभीर रूप से इंज्योर्ड ऐसे मौसम में हुए जब सब कुछ अत्यंत सुहाना था।

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