कुर्साकांटा (अररिया) : आजादी के 63 वर्ष बाद भी अररिया जिले के अन्तरराष्ट्रीय भारत-नेपाल सीमा पर ब्रिटिश काल में सन् 1827 ई. में स्थापित कुआड़ी ओपी आज तक न तो पूर्ण थाना का दर्जा पा सका है और न ही पर्याप्त सुविधा ही यहां मुहैया करायी जा सकी है। ब्रिटिश हुक्मरानों ने भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र की अहमियत को समझते हुये कुआड़ी में 14 सर्किल के एक पुलिस स्टेशन (ओपी) की स्थापना की जो फारबिसगंज थाना के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आता था। उस वक्त जमींदारी प्रथा कायम थी। कुआड़ी में महंथ परमानंद भारती की जमींदारी थी और कुर्साकांटा में बड़ी कचहरी श्री नगर, एवं छोटी कचहरी चंपानगर में थी। 1875 में अररिया को अनुमंडल का दर्जा दिया गया और कुआड़ी ओपी पूर्णिया पुलिस अधीक्षक के अधीन था। लेकिन गुलाम भारत के हुक्मरानों द्वारा स्थापित ओपी 48 वर्ष बाद भी आज तक पूर्ण थाना की हैसियत नहीं पा सका है। आजादी के बाद स्वतंत्र भारत के हुक्मरानों ने 14 सर्किल वाले कुआड़ी ओपी के अंतर्गत सोनामणी गोदाम, ताराबाड़ी व कुर्साकांटा को तो थाना बना दिया पर कुआड़ी ओपी आज तक उसी स्थिति में है।
जन प्रतिनिधियों व प्रशासन के द्वारा आज तक इसे नजर अंदाज किया जाता रहा। आजादी के दीवानों ने अंग्रेजी हुकूमत की गोलियों की परवाह किये बगैर कुआड़ी ओपी पर 21 अगस्त 1942 को तिरंगा लहराया था।
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