पलासी (अररिया) : एक ओर सरकार एड्स से बचाव के लिए तरह-तरह के उपाय के दावे कर रही हैं। किंतु पलासी प्रखंड में पर्याप्त संसाधन व जागरुकता के अभाव के कारण यह नाकाफी साबित हो रहा है। यही कारण है कि यहां एचआईवी पोजिटीव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस वर्ष अब तक 11 व्यक्ति एचआईवी पाजेटिव पाये गये हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में आरंभ से ही स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां तक की पीएचसी को अबतक पर्याप्त भवन भी उपलब्ध नहीं है। प्रखंड के गोदाम व अन्य भवनों में किसी प्रकार पीएचसी के कार्य संपादित किए जा रहे हैं। हालांकि फिलवक्त पीएचसी के भवन निर्माण का कार्य निर्माणाधीन है। गौरतलब हो कि अररिया जिला एड्स को लेकर ए ग्रेड श्रेणी में रखा गया हैं। इसलिए यहां एड्स जागरुकता को लेकर कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है। इसके लिए सभी पीएचसी में एड्स से संबंधित जांच व जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। किंतु प्रखंड मुख्यालय के पीएचसी में एड्स से संबंधित जांच, परामर्श व दवा वितरण के लिए एक कमरे का आधा भाग ही दिया गया है। वहीं एड्स से संबंधित जांच परामर्श व दवा वितरण के लिए मात्र एक प्रयोगशाला प्रावैधिकी ही उपलब्ध है। हालांकि पूर्व में एक परामर्शी भी पदस्थापित थे, किंतु कई माह पूर्व उनके स्थानांतरण के पश्चात मात्र एक कर्मी द्वारा ही सारे कार्य लिये जा रहे हैं। वहीं गुप्त कमरे के अभाव के कारण तथा संसाधन के अभाव से आमजन रक्त जांच करवाने से कतराते हैं।
इसकी पुष्टि आईसीटीसी के प्रयोगशाला प्रावैधिकी निरंजन कुमार यादव ने भी की है। उन्होंने बताया कि उपलब्ध संसाधन से वे एड्स से बचाव के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 में 05, वर्ष 2010 में 07 तथा वर्ष 2011 के नवंबर माह तक प्रखंड में 11 एचआईवी पाजेटिव पाए गए हैं। ज्ञात हो कि पलासी प्रखंड क्षेत्र काफी पिछड़ा क्षेत्र है। खेती व मजदूरी यहां के लोगों का मुख्य पेशा है। किंतु खेती के प्रति सरकार की उदासीन रवैये के कारण यहां की बड़ी आबादी दो जून की रोटी के जुगाड़ के लिए अन्य राज्यों की ओर पलायन करते हैं। जहां जागरूकता व जानकारी के अभाव में उन्हें एड्स रूपी सौगात मिलता है। इसके बावजूद क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं इस बाबत प्रभारी चि.प. डा. जहांगीर आलम तथा स्वास्थ्य प्रबंधक मो. खतीब अहमद ने भी संसाधनों के अभाव की पुष्टि की है। वहीं इस बाबत प्रभारी भी आलम ने बताया कि एड्स से बचाव के लिए आवश्यक है संक्रमित रक्त चढ़ाने से बचने, नए सिरिंज का प्रयोग, रक्त जांच कराने, सुरक्षित यौन संबंध तथा जीवन साथी के प्रति इमानदारी बरतने से एड्स से बचा जा सकता है। प्रखंड क्षेत्र में एड्स के आंकड़े बताते हैं कि इससे बचाव हेतु जागरुकता अभियान चलाने व पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। प्रखंड क्षेत्र में चालू वर्ष 2011 में की गयी अचआईवी जांच का आंकड़ा।
माह कांसेलिंग टेस्टिंग परिणाम
जनवरी 106 100 0
फरवरी 116 108 02 पोजेटिव
मार्च 81 81 0
अप्रैल 84 84 03 पोजेटिव
मई 100 100 03 पोजेटिव
जून 70 70 शून्य
जुलाई 106 106 शून्य
अगस्त 138 138 02 पोजेटिव
सितंबर 145 145 01
अक्टूबर 101 101 0
नवंबर 125 125 0
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