अररिया : डेयरी उद्यमिता योजना के तहत गुरुवार को जिला गव्य विकास कार्यालय में पशुपालकों को लाभान्वित किसानों को दुग्ध उत्पादन की कई जानकारी दी गई। प्रभारी जिला गव्य विकास पदाधिकारी बलिराम प्र. सिन्हा ने एक दिवसीय प्रशिक्षण में कहा कि आर्थिक विकास के लिए पशुपालन से जुड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पशुपालन से जुड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पशुपालन में खास तौर पर दुधारू व युवा उद्यमियों के दूसरे चरण का प्रशिक्षण में करीब 40 पशुपालक मौजूद थे। दुग्ध उत्पादन से अधिक मुनाफा के लिए जिला गव्य विकास पदाधिकारी ने अच्छी नस्ल की गाय व भैंस खरीदने का सुझाव दिया। वहीं जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. आरपी सिंह ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि जानवर खरीद से पूर्व उसकी स्वास्थ्य जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मवेशी के खान-पान व स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। वहीं सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डा. शशि भूषण प्रसाद ने पशु स्वास्थ्य जांचने के कई नुस्खे बताये। डा. प्रसाद ने यह भी बताया कि अररिया से बाहर जाकर अन्य जिलों से मवेशी खरीदें ताकि अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादन हो सके, और आपका आर्थिक सुदृढ़ीकरण हो। इस अवसर पर गव्य विकास के फिल्ड आफिसर संजय कुमार सिंह ने गव्य विकास की योजनाओं पर प्रकाश डाला। श्री सिंह ने डेयरी उद्यमिता योजना विकास के नए प्रस्ताव को बताया। उन्होंने बताया कि इस योजना के 50 प्रतिशत का अनुदान है। उन्होंने बताया कि दो गाय या दो भैंस के लिए एक लाख, पांच के लिए दो लाख, 43 हजार, और 10 मवेशी के लिए 5 लाख की योजना है। इसमें 40 प्रतिशत बैंक ऋण व 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। श्री सिंह ने यह भी बताया कि पहले बैच का प्रशिक्षण 24 दिसंबर को संपन्न हो चुका है।
Thursday, December 29, 2011
पशुपालकों को दी गई दुग्ध उत्पादन की जानकारी
अररिया : डेयरी उद्यमिता योजना के तहत गुरुवार को जिला गव्य विकास कार्यालय में पशुपालकों को लाभान्वित किसानों को दुग्ध उत्पादन की कई जानकारी दी गई। प्रभारी जिला गव्य विकास पदाधिकारी बलिराम प्र. सिन्हा ने एक दिवसीय प्रशिक्षण में कहा कि आर्थिक विकास के लिए पशुपालन से जुड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पशुपालन से जुड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पशुपालन में खास तौर पर दुधारू व युवा उद्यमियों के दूसरे चरण का प्रशिक्षण में करीब 40 पशुपालक मौजूद थे। दुग्ध उत्पादन से अधिक मुनाफा के लिए जिला गव्य विकास पदाधिकारी ने अच्छी नस्ल की गाय व भैंस खरीदने का सुझाव दिया। वहीं जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. आरपी सिंह ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि जानवर खरीद से पूर्व उसकी स्वास्थ्य जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मवेशी के खान-पान व स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। वहीं सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डा. शशि भूषण प्रसाद ने पशु स्वास्थ्य जांचने के कई नुस्खे बताये। डा. प्रसाद ने यह भी बताया कि अररिया से बाहर जाकर अन्य जिलों से मवेशी खरीदें ताकि अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादन हो सके, और आपका आर्थिक सुदृढ़ीकरण हो। इस अवसर पर गव्य विकास के फिल्ड आफिसर संजय कुमार सिंह ने गव्य विकास की योजनाओं पर प्रकाश डाला। श्री सिंह ने डेयरी उद्यमिता योजना विकास के नए प्रस्ताव को बताया। उन्होंने बताया कि इस योजना के 50 प्रतिशत का अनुदान है। उन्होंने बताया कि दो गाय या दो भैंस के लिए एक लाख, पांच के लिए दो लाख, 43 हजार, और 10 मवेशी के लिए 5 लाख की योजना है। इसमें 40 प्रतिशत बैंक ऋण व 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। श्री सिंह ने यह भी बताया कि पहले बैच का प्रशिक्षण 24 दिसंबर को संपन्न हो चुका है।
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