Thursday, March 1, 2012

राजस्व की चोरी, प्रशासन उदासीन


भरगामा (अररिया) : भरगामा में इन दिनों कई तरह के उद्योग अस्तित्व में आने को बेताब है। इन छोटे उद्योग-धंधों में कृषि यांत्रिकी का निर्माण आदि भी है। लेकिन खास बात यह है कि इन छोटे उद्योग-धंधों की आड़ में प्रति माह लाखों में सरकारी राजस्व की चोरी की जा रही है जिसके प्रति प्रशासन उदासीन है।
केवल भरगामा में कृषि यांत्रिकी निर्माण से संबंधित दर्जनों प्वांईट है। तकनीक विकसित हुई और देखा-देखी धान, गेहूं, सूर्यमुखी आदि हेतु अलग-अलग रूपों में थ्रेसर भी अस्तित्व में आया। किसानों की माने तो यह थ्रेसर 9000 से 25000 रुपया में धड़ल्ले से बेचा जाता है। ऐसे यांत्रिकी को चोरी-छुपे तैयार कर या बेचकर धंधे से जुड़े लोग यूं तो लाखों कमा रहे हैं, जबकि एक सच्चाई यह है कि प्रशासन मिलने वाले राजस्व से अंजान हीं रहती है। ट्रैक्टर के टेलर या ऐसे कृषि यांत्रिकी के निर्माण में चोरी-छुपे रेलवे के लोहे का प्रयोग किए जाने की शिकायत पर पिछले दिनों पुलिस कप्तान श्री लांडे ने उद्योग धंधे से जुड़े प्रखंड के कई ठिकानों पर छापेमारी की। लेकिन यह सूचना लीक हो जाने से या अन्य कारणों से धंधेबाज पूर्व से ही सतर्क थे जिस कारण कोई बड़ी सफलता हाथ नही लगी वेसे यह तो निर्माण में प्रयुक्त चोरी की सामानों की बात है फिलवक्त अगर राजस्व के प्रति प्रशासन सहज हो तो प्रति माह लाखों में किए जा रहे राजस्व की चोरी को बचा सकती है।

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