भरगामा(अररिया) : अधिक लागत के बाद तैयार गेहूं की फसल को क्रय केंद्र के अभाव में क्षेत्र के किसान खुले बाजार में औने-पौने भाव में बेचने को मजबूर हैं। फसल लागत भी उपलब्ध नहीं होने से खेतिहर किसान जहां मायूस हैं। वहीं बिचौलिए के रूप में सक्रिय व्यवसायी मालामाल हो रहे हैं।
खेतिहर किसानों में राजेश गुप्ता, राजकुमार, सुबोध यादव आदि का कहना है कि खुले बाजार में गेहूं 800 से 900 रूपये क्विंटल है। किसान भुवनेश्वर प्रसाद का कहना है कि एक एकड़ भू-भाग में ज्यादा से ज्यादा दस क्विंटल तक गेहूं की पैदावार की संभावना होती है। वहीं खेतों की जुताई, खाद, बीज व पटवन आदि में फसल तैयार होने तक की लागत 7000 से 7500 तक की होती है। लिहाजा मेहनताना तो दूर खेती से लागत में भरपाई भी संभव नहीं हो पाती है। इधर प्रखंड कृषि पदाधिकारी आशुतोष कुमार ने जल्द ही पैक्सों के माध्यम से किसानों के गेहूं खरीदे जाने की भी जानकारी दी है। खजुरी के किसान शिवधारी यादव बताते है कि केसीसी ऋण लगातार प्रयास व बैंक अधिकारियों के टालमटोल कि कारण संभव नहीं हो पाया। उधार खाद बीज लेकर खेती की। ऐसे में तैयार फसल को क्रय केंद्र खुलने तक इंतजार में रखना कैसे संभव है।
0 comments:
Post a Comment