अररिया : चुनावी मौसम में सबकी खिदमत होती है। बाहर से आने वाले आला अधिकारी एसी की सुविधा खोजते/पाते हैं। केंद्रीय अर्द्ध सैन्य बलों को भी ठीकठाक खातिर तवज्जो मिलती है। लेकिन चुनावों में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले होम गार्ड जवानों को एक दरी भी नसीब नहीं होती। भोजन के नाम पर ड्राय राशन और यात्रा के लिए झरखंडी ट्रैक्टर। ड्राय राशन हाई फाई नाम पर नहीं जाइयेगा, यह तो यहां का मूढ़ी है। यानी घास का बिछौना व मूढ़ी का चबेना, यही है चुनावी नींव के पत्थर होम गार्ड जवानों की चुनाव के दिनों की किस्मत।
बुधवार को अररिया बाजार समिति प्रांगण में मतदान केंद्रों के लिए रवाना होने से पहले प्रतीक्षारत जवान भारी उमस भरी गर्मी में घास पर लेटे व मूढ़ी से अपन भूख मिटाते नजर आये।
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