Wednesday, May 16, 2012

खा गए 50 लाख, पचा गए खिचड़ी


अररिया : जिले के नरपतगंज प्रखंड के नौ विद्यालय प्रधान एक साल में पचास लाख रुपये खा गए और पांच सौ क्विंटल चावल की खिचड़ी पचा गए। इन विद्यालयों में फर्जी छात्रों के नाम पर कागजों पर खिचड़ी बनती रही और पोशाक व छात्रवृति की राशि भी बंटती रही। पटना से आई जांच टीम ने विद्यालयों में फर्जी नामांकन का यह मामला पकड़ा है। डीईओ राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि इन विद्यालयों में जांच के बाद प्रधानों पर कार्रवाई की जाएगी। अप्रैल में बिहार शिक्षा परियोजना के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के निदेशक दीपक सिंह द्वारा एक जांच टीम बिहार के विभिन्न जिलों में भेजी गई।
विद्यालयों में हुई जांच : जांच में मध्य विद्यालय बरदाहा में 701 नामांकित और 150 बच्चे उपस्थित थे। मध्य विद्यालय फतेपुर पिथौरा में 1698 नामांकित और 150 बच्चे उपस्थित थे। मध्य विद्यालय मथहपुर कुंवाड़ी टोला में 647 बच्चे नामांकित तथा 200 बच्चे उपस्थित थे। जबकि प्रा.वि. बरदाहा में नामांकित 331 में मात्र 58 बच्चे मौजूद थे। प्रा.वि. बरदाहा बीएमसी में नामांकित 320 बच्चों में से कोई बच्चा मौजूद ही नहीं था। वहीं प्रा. वि. बेलवा में 359 नामांकित बच्चों में मात्र 5 बच्चे उपस्थित थे। प्रा. वि. ब्राहमण टोला, फतेहपुर में 361 नामांकित बच्चों में 31 बच्चे मौजूद थे। प्रा.वि. नाथपुर में 296 नामांकित बच्चों में 74 बच्चे उपस्थित मिले। इसी प्रकार उत्क्रमित मध्य विद्यालय राजगंज में नामांकित 771 बच्चों में 109 बच्चे मौजूद थे।
पिछले एक साल के दौरान इन विद्यालयों में खिचड़ी और पोशाक वितरण जैसी योजनाओं में भी राशि बंटती रही। इन विद्यालयों में 5474 बच्चों का नामांकन है। वर्ग एक से पांच तक के छात्र को प्रतिदिन सौ ग्राम चावल व दाल-सब्जी के लिए 3.14 रुपये तथा छह से आठ वर्ग के बच्चों को 150 ग्राम चावल व 4.65 रुपये खिचड़ी के लिए देने का प्रावधान है।
बीते एक साल के आंकड़ों को जोड़ें तो यह लगभग पांच क्विंटल चावल व पचास लाख नकदी तक पहुंच जाता है। इसमें यदि छात्रवृति और पोशाक की राशि जोड़ दें तो यह आंकड़ा और बढ़ जाता है।
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कोट :-
''पोशाक व खिचड़ी के चावल का उठाव हो चुका है। जिले के विद्यालयों में फर्जी नामांकन और राशि उठाव की पूरी जांच की जाएगी तथा शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।''
राजीव रंजन प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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