फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज प्रखंड में इंदिरा आवास योजना लूट-खसोट का पर्याय रहा है। अधूरे पड़े इंदिरा आवास इस लूट की कहानी स्वत: ही बयां करता है। इसमें पदाधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि से लेकर बिचौलियों ने वर्षो तक अपनी जेबें गरम की। लाभुकों की शिकायतों का कुछ असर अब जाकर देखने को मिल रहा है। प्रखंड के पंचायतों में बीते 15 वर्षो के दौरान आवंटित इंदिरा आवास की बारिकी से जांच की जाय तो कई तरह की गड़बड़िया खुलकर सामने आ जायेगी। पंचायतों में हजारों इंदिरा आवास या तो बने ही नहीं या फिर अधूरे बनकर रहे गये। करीब दो वर्ष पूर्व बैंक आफ बड़ौदा में दर्जनों पासबुक के साथ एक बिचौलिये को तत्कालीन एसडीपीओ एसके झा ने पकड़ कर इंदिरा आवास में बिचौलिया राज का खुलासा किया था। बिचौलियों द्वारा लाभुकों से पासबुक लेकर बैंक से राशि निकाल लेना तो आम बात थी। फर्जी लाभुक अथवा वास्तविक लाभुकों का पासबुक बिचौलियों, जनप्रतिनिधियों के पास हीं रखा जाता था। करीब 10 से 15 हजार रुपया काट कर शेष राशि लाभुकों को घर बनाने के लिये दी जाती थी। लूट में नीचे से उपर तो सभी की हिस्सेदारी की फीसदी निर्धारित थी। अब सोचा जा सकता है कि लाभुकों को हाथ में पहुंचे 10 हजार रुपया में इंदिरा आवास कैसे बनेगा। यह तो महज एक वर्ष पूर्व की स्थिति थी। आज भी लाभुकों से राशि की मांग बिचौलिये द्वारा की जा रही है। आज भी फर्जी लाभुक के नाम पर राशि उठाने का प्रयास चल रहा है।
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