Thursday, November 17, 2011

साम्प्रदायिक व लक्षित हिंसा अधिनियम अलोकतांत्रिक: संघ

अररिया : साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम 2011 अलोकतांत्रिक व विभाजन कारी है। इसलिए इसका विरोध छात्र, जवानों व समाज के प्रबुद्धजनों को करना चाहिए। ये बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक राजेन्द्र जी ने बुधवार को अभाविप जिला प्रमुख प्रो. एमपी सिंह के शिवपुर स्थित आवास पर पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि विधेयक का खतरनाक पहलू यह है कि इसमें भारत की संपूर्ण आबादी को धार्मिक व भाषाई आधार पर दो भागों में बांट दिया गया है। एक भाग को समूह तथा दूसरे को अन्य कहा गया है। श्री राजेन्द्र ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद आने वाले संसदीय सत्र में एक ऐसा विधेयक पारित करवाने जा रही है, जो अंग्रेजों द्वारा बनाए गए रॉलेट एक्ट से भी ज्यादा बर्बर एवं हिन्दू विरोधी है। उन्होंने इस अवसर पर बिहार सांस्कृतिक विकास परिषद के जिला स्तरीय समिति का गठन भी किया। साथ ही 20 नवम्बर को इसी विषय पर जागरूकता अभियान के तहत सेमीनार आयोजित करने की बात कही। इस अवसर पर अभाविप जिला प्रमुख प्रो. एमपी सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण झा, भाजपा मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्रशेखर सिंह बब्बन, संघ के जीवछ लाल ठाकुर, शिशिर राय, जय कुमार, सुकांत आदर्श, डीसी भगत, रूपचंद्र वाड़िया, भोला मेहता, ब्रजमोहन सिन्हा आदि मौजूद थे।

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