नरपतगंज (अररिया) : सौर उर्जा से गांव-गांव को रोशन करने के लिए सरकारी राशि से प्रखंड क्षेत्र में लगाये गये सोलर लाइट लोगों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। यह सोलर लाइट सेट लूट खसोट का जरिया बनकर रह गया है। बिना बल्ब, बिना बैट्री और बिना सोलर प्लेट का बेकार पड़ा पोल शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है।
इससे साफ स्पष्ट होता है कि लाइट की खरीदारी के समय ही बड़े पैमाने पर बंदर बाट की गई। क्योंकि घटिया कंपनी की लाइट खरीदारी करने के कारण ही लाइट दो चार महीने में खराब हो गई। जबकि इस सोलर लाइट की खरीद में 40 से 45 हजार रुपया दिखाया गया है। वहीं स्थिति यह है कि देख रेख के अभाव में लाइट की चोरी भी बड़े पैमाने पर हो गई है।
किस मद से लगा लाइट :
पंचायतों द्वारा बारहवीं एवं तेरहवीं व बीआरजीएफ योजना के तहत लाइट की खरीददारी मुखिया द्वारा की गई थी। जिसकी खरीददारी मुखिया स्वयं या फिर उनके खासम खास लोगों द्वारा की गई है।
कहां लगना था लाइट और लगा कहां:
यह सोलर लाइट प्रखंड के सभी पंचायत के सार्वजनिक स्थानों और आम सभा कर चयनित स्थानों प लगाया जाना था लेकिन पंचायत के मुखिया द्वारा मनमाने ढंग से अपने दरवाजे तथा अपने चेहतों के दरवाजे पर लगा दिया गया है। इतना ही नहीं कहीं-कहीं तो पोल लाइट लगाकर उसकी बैट्री को या तो बेच दिए या फिर अपने घरों की शोभा बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण:
ग्रामीण अशोक भगत सुधिर सिंह, रामानंद लाल देव, शंभू साह, अनन्त सादा, बिरेन्द्र कुमार राय, अशोक राय, प्रभात रंजन, कुलानंद यादव, कौशल भारती, झुनझुन सिंह आदि कहते हैं कि सोलर लाइट लगाने के समय आम सभा नही की गई थी। वहीं अधिकांश लाइट की चोरी एवं खराब हो चुकी है। इसका मुख्य कारण यह है कि खरीददारी के समय गुणवता का ध्यान नही रखा गया था। वहीं आरोप है कि मनमाने ढंग से एक ही वार्ड में चार-चार लाइट तथा किसी वार्ड में एक भी लाइट लगाए गए हैं।
क्या कहते हैं पदाधिकारी:
प्रखंड विकास पदाधिकारी जागो दास कहते हैं कि पंचायत के प्रतिनिधि के द्वारा सीधे ही इस बारहवीं एवं तेरहवी योजना से लाइट की खरीददारी की गई थी।
इस मामले में हमें भी लगातार शिकायत मिल रही है। मैं स्वयं पंचायतों में जाकर इसकी जांच करूंगा। जांचोपरांत कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा यह लाइट लगाने की जिम्मेदारी पंचायत प्रतिनिधि एवं सचिवों का था।
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