फारबिसगंज (अररिया) : सीमावर्ती क्षेत्र के गरीब अशिक्षित परिवार फर्जी दूल्हा गिरोह के निशाने पर है। फर्जी दुल्हा गिरोह के सदस्य असहाय परिवार की खोज में जुटे रहते हैं, फिर गरीबी का फायदा उठाकर परिवार के नाबालिग लड़कियों से विवाह रचाकर उसे हजारों किलोमीटर दूर लेकर चले जाते है। इन लाचार दुल्हनों को दूसरे प्रदेशों के देह मंडियों में बेच दिया जाता है। फारबिसगंज के परवाहा गांव में पकड़े गये यूपी के फर्जी दुल्हों के मामले ने सच्चाई सामने ला दी है। ह्युमन ट्रैफिकिंग के इस मामले ने विभिन्न एनजीओ द्वारा मानव व्यापार की रोकथाम को लेकर सीमावर्ती क्षेत्र में लंबे समय से चलाये जा रहे जागरूकता अभियान पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
पूर्व में भी शादी का प्रलोभन देकर अथवा पैसे बल पर गरीब परिवार की लड़कियों को बाहर ले जाने का मामला सामने आता रहा है। कई मामले लोक-लज्जा के भय से सामने नही आ पाते हैं। गिरोह के सदस्य पहले गावों में अपना संपर्क बढ़ाते है। फिर वैसे गरीब असहाय और अशिक्षित परिवार पर अपनी वजह बनाते है जिस परिवार की जवान होनी अपनी बेटियों का विवाह रचाना मुश्किल लगता है। प्रदेश से बाहर यूपी, हरियाणा आदि प्रांतों के गिरोह जाल बिछाकर गरीब नाबालिग लड़कियों को पैसे के बल पर शादी रचाकर ले जाते है। इनमें से कई तो वापस अपने घर मां-बाप के पास लौट कर भी नहीं आ पाती है। इन लड़कियों को अनैतिक कार्यो में झोक दिया जाता है। भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में मानव व्यापार पहले से होता रहा है जिसमें भारत सहित नेपाल की लड़कियों की खरीद फरोख्त होती है। अररिया एसपी शिवदीप लांडे ने भी कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में मानव व्यापार को अंतरराष्ट्रीय गिरोह संचालित कर रहा है। जिसे रोकने के लिये पुलिस ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
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