Saturday, January 21, 2012

आशा बनी महिलाओं के लिए आशा की किरण


बथनाहा (अररिया) : जूट के अनगढ़ रेशों को अपनी खूबसूरत कल्पना से आकर्षक रूप प्रदान करने वाली आशा नरपतगंज प्रखंड की महिलाओं के लिए आशा की किरण बन गयी हैं। समाज सेवा के रास्ते स्वरोजगार की सीख देने वाली फुलकाहा बाजार की आशा ने चार सौ ग्रामीण महिलाओं व लड़कियों को जूट की कलात्मक वस्तु बनाने का प्रशिक्षण दिया है।
आशा निरक्षर महिलाओं को साक्षर करने के साथ उन्हें विभिन्न हुनर सिखाकर जीविकोपार्जन के गुर भी बतला रही हैं।
इंटर तक शिक्षित आशा सुमन ने बताया कि वह पिछले करीब 15 वर्षो से समाज के विभिन्न क्षेत्र में काम कर रही है। साक्षरता कर्मी से लेकर पोलियो टीकाकर्मी, बाल दीदी से होते हुए वर्तमान में वे मध्य विद्यालय नवाबगंज में चल रहे उत्प्रेरण केन्द्र में वार्डेन के रूप में कार्य कर रही हैं। स्कूल में वे अनपढ़ लड़कियों को शिक्षित व हुनरमंद बनाने में लगी हुई हैं। ये लड़कियां समाज के अति पिछड़े वर्ग से आती हैं। आशा सुमन बताती है कि उन्होंने आपदा प्रबंधन एवं बचाव कार्य का भी प्रशिक्षण ले रखा है तथा 2008 की कोसी त्रासदी के वक्त बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्य कर चुकी है।
समाज सेवा व उल्लेखनीय कार्यो के लिए आशा सुमन को मुखिया, जिलाधिकारी एवं राज्यस्तर पर सम्मानित किया गया है।
सेवा की इस कठिन राह के बीच उन्होंने महिलाओं को स्वरोजगार का मंत्र भी बखूबी बताया है। जूट से घरेलू उपयोग व सजावट के करीब 10 तरह के सामान बनाने में सिद्धहस्त आशा अपना यह हुनर अबतक करीब 400 महिलाओं में बांट चुकी हैं। आशा सुमन बताती हैं कि बाढ़ के बाद उन्होंने पीसीआई नामक एनजीओ के साथ करीब दो वर्ष वर्ष तक कार्य कर महिलाओं को जूट की चीजें बनाने का प्रशिक्षण दिया। जूट निर्मित इन सामानों में पायदान, कलमदान, पर्स, मोबाइल कवर, दीवाल शो पीस, झूला, ट्रे व जूता आदि शामिल हैं। पटना सरस मेला में उनके सामानों की प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी।
आशा सुमन चाहती हैं कि समाज में महिलाओं को बराबरी का दर्जा मिले और अपने गुण की बदौलत वे सम्मान के साथ समाज में रहें।
वे बताती है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जूट निर्मित सामान एवं सजावट की वस्तुओं की अच्छी मांग है। मगर, सरकारी स्तर पर इस हुनर को सहारा नहीं मिल रहा। क्षेत्र में जूट की अच्छी पैदावार के बावजूद यहां जूट आधारित उद्योग व बाजार का सर्वथा अभाव है। उनका मानना है वे अगर जूट निर्मित वस्तुओं का बाजार उपलब्ध हो जाय तो प्रशिक्षित महिलाओं का भाग्योदय हो जायेगा।
News Source - in.jagran.yahoo.com/news/local/bihar

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