अररिया : कफ सीरप के नशेड़ियों का महाजाल नेपाल से लेकर बांग्लादेश तक फैला हुआ है। अररिया के एसपी शिवदीप लांडे द्वारा कफ सीरप की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद जारी निगरानी के आधार पर पुलिस ने असम के गुवाहाटी में तीन कंटेनरों में लदे अवैध कफ सीरप का बड़ा जखीरा पकड़ा। वहां के अधिकारियों ने एसपी से संपर्क कर उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं।
एसपी ने बताया कि वहां के एसपी ने उनसे शुक्रवार को दूरभाष पर इस संबंध में बातचीत की और कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने दोनों स्थानों पर पकड़े गए नशीली दवा के बैच नंबर, निर्माण स्थल, तिथि व अन्य जरूरी बिंदुओं की जांच शुरू कर दी है। एसपी ने बताया कि नशा के सौदागरों का महाजाल उत्तर में नेपाल से लेकर दक्षिण पूर्व में बांग्लादेश तक फैला हुआ है। वे पूर्वोत्तर भारत के असम, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर आदि प्रांतों में जम कर कफ सीरप बेचते हैं ताकि युवाओं को नशे की लत से भरमाया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि बांग्लादेश की ओर कफ सीरप का निर्यात मेघालय से सटे बार्डर से होता है और इस धंधे में भारत के कई बड़े तस्कर संलिप्त हैं।
कफ सीरप को कारोबार तस्करों के लिए भारी मुनाफा देने वाला बताया जाता है। जिस कोरेक्स या फैंसीड्रिल की कीमत भारत में 70 रुपये है उसी को नेपाल में 240 एनसी (नेपाली रुपया) में बेचा जाता है। संभवत: यही वजह है कि इस काले धंधे में भारत के कई सफेदपोश व्यवसायी भी जुड़े हुए हैं। जानकारों के मुताबिक नशीली कफ सीरप का कारोबार करोड़ों में बताया जाता है। अवैध तरीके से प्रतिदिन लाखों का कफ सीरप बिकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कफ सीरप की बिक्री केवल चिकित्सक की पर्ची पर ही कह जा सकती है, लेकिन इसके कारोबारी धड़ल्ले से इसे कालाबाजार में बेच रहे हैं।
विदित हो कि इस इलाके में युवाओं का एक बड़ा तबका नशे की गिरफ्त में आ चुका है। नशेड़ियों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। वहीं, इसका व्यापार भी बड़े पैमाने पर चल रहा है। अगर ऐसा नहीं तो किताब की दुकान तक कफ सीरप की बोतलें किस तरह पहुंची? इतना ही नहीं शहर में दो दर्जन से अधिक पानदुकानें हैं जहां आप किसी वक्त कफ सीरप की बोतल खरीद सकते हैं।
जानकारों की मानें तो जिले के बाजारों में प्रतिदिन कफ सीरप की हजारों बोतलें बिकती हैं। इसका प्रसार ग्रामीण क्षेत्र में भी है। पान व चाय की दुकानों के इर्दगिर्द फेंकी हुई खाली बोतलों से इस बात की पुष्टि भी होती है। बहरहाल पुलिस की सक्रियता से ऐसा प्रतीत होता है कि इलाके में नशे के कई सफेदपोश सौदागर अब जल्द ही बेनकाब होंगे।
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