Friday, January 20, 2012

इतिहास बन गई छोटी लाइन की ट्रेनें


फारबिसगंज (अररिया) : शुक्रवार को जब फारबिसगंज स्टेशन से सहरसा-फारबिसगंज रेल खंड के छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन को कार्यक्रम कर अंतिम विदाई दी जा रही थी तो लोगों के मन में खुशी एवं गम दोनों भाव उमड़ रहे थे। खुशी का भाव भविष्य में प्राप्त होने वाली बेहतर सुविधा को लेकर था तो दूसरा भाव गम का था। जैसे-जैसे ट्रेन प्लेटफार्म से निकल अहिस्ता-अहिस्ता दृष्टि से ओझल होता चला गया लोगों की आंखे नम होती गई। मानों छोटी लाइन की ट्रेन भी इतिहास के पन्नों में समा गया हो। इस ऐतिहासिक घड़ी में प्लेटफार्म पर मौजूद कई नवयुवक अपने मोबाइल कैमरे में इस क्षण को कैद करने में मशगुल हो गए। आखिर हो भी क्यों नही, अब तो सचमुच छोटी लाईन की ट्रेन नई पीढ़ी के लिए इतिहास ही बनकर रह गई। अब फारबिसगंज स्टेशन पर कभी भी नही दिखेगी छोटी लाइन की ट्रेन।
तत्कालीन रेलमंत्री स्व. ललित नारायण मिश्र के अथक प्रयास का देन था सहरसा-फारबिसगंज का मीटरगेज रेल खंड। हालांकि वर्ष 1975 में जब इस रेलखंड पर पहली बार ट्रेनों का परिचालन आरंभ हुआ तो ललित बाबू अपने प्रयास को ययार्थ में बदलते देखने को जीवित नहीं थे। लेकिन यह रेल खंड उनकी अमर कृति है। उनके नाम से नामकरण किए गए ललित ग्राम स्टेशन आज भी है। लेकिन सत्तर और अस्सी के दशक में इस स्टेशन से जुड़े यात्रियों की भावनाएं कुछ अलग ही है। यहां ट्रेन के रूकते ही यात्रियों का जमावड़ा स्टेशन के बाहर घुघनी-चूड़ा, कचरी की दुकानों पर लग जाता था। यात्रियों के लिए अब यादें बनकर रह जायेगी। इस रेलखंड की थकावट भरी लेकिन रूमानी यात्रा रही है।
दरअसल विकास से वंचित कोसी क्षेत्र के लिए यह रेलखंड एक रीढ़ की हड्डी की भांति है। फोर लेन सड़क बनने से पूर्व सरहसा, सुपौल, मधेपुरा आदि जिलों को अररिया एवं पूर्वी नेपाल को जोड़ने का मुख्य जरिया था यह रेलखंड। स्वाभाविक रूप से इस रेलखंड के आमान परिवर्तन की मांग भी वर्षो से जारी थी। नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष शाहजहां शाद तथा भाजपा किसान सेल के जिलाध्यक्ष रामानंद देव बताते हैं कि छोटी लाइन की ट्रेनों का अब फारबिसगंज स्टेशन पर नजर नही आना दुख तो जरूर देगा लेकिन अमान परिवर्तन के पश्चात जो नया अध्याय जुड़ेगा, हम उसका स्वागत करते हैं। कहा कि आमान परिवर्तन के पश्चात बड़ी लाइन की ट्रेनों के परिचालन से विकास से वंचित कोसी क्षेत्र में परिवहन के मामले में एक गति मिलेगी। संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री शाद ने पूर्व मध्य रेल से मांग किया कि अमान परिवर्तन का कार्य शीघ्र पूरी की जाए ताकि इस महत्वपूर्ण रेल खंड की पटरियों पर विकास की गाड़ी जल्द दौर सके।

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