Sunday, January 8, 2012

साहित्यकार ही नहीं चित्रकार भी थे शमशेर बहादुर


फारबिसगंज(अररिया) : इंद्रधनुष साहित्य परिषद के तत्वावधान में रविवार को तीन प्रख्यात साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार, मोहन राकेश और शमशेर बहादुर सिंह की जयंती द्विजदेनी स्मारक उच्च विद्यालय के प्रांगण में आयोजित की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर्नल अजीत दत्त ने की।
इस अवसर पर साहित्य प्रेमियों ने उन सभी विभुतियों को नमन किया। साहित्य प्रेमी उमाकांत दास, मांगन मिश्र, हेमंत यादव, शशि, डा. अनुज प्रभात, विजय बंसल, डा. सुधीर धरमपुरी, डा. एनएल दास, डा. मोती लाल शर्मा आदि ने मौके पर कहा कि शमशेर बहादुर सिंह सिर्फ प्रख्यात साहित्यकार ही नहीं बल्कि प्रसिद्ध चित्रकार भी थे और चित्रकला के प्रति उनका आजीवन समर्पण रहा।
वहीं मोहन राकेश के बारे में प्रबुद्ध वक्ताओं ने बताया कि उनकी मातृ भाषा पंजाबी होने के बावजूद वे हिंदी और संस्कृत में एमए किये। कई वर्षो तक साहित्यक पत्रिका सारिका के संपादक रहे राकेश सिंह सिर्फ कहानीकार ही नहीं नाटक कार एवं उपान्यासकार भी थे।
कार्यक्रम के संचालक विनोद कुमार तिवारी सहित अन्य वक्ताओं ने बताया कि उन्होंने अपने आंगन में भारत का मानचित्र बनाकर शादी के सात फेरे लगाया था। वक्ताओं ने उनकी रचना अपना पराया को मार्मिक एवं अविस्मरणीय कृति बताया।
मौके पर कृत्यानंद राय, विनोद दास, करूणेश झा, शिवनारायण चौधरी, श्रीवास सिंह, अरविंद ठाकुर, हर्ष नारायण दास, पं. महेन्द्र नाथ झा, मनोज तिवारी आदि उपस्थित थे।

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