अररिया : शिक्षा के मामले में अररिया की स्थिति अब पहले जैसे नहीं है। इस क्षेत्र में पिछले एक दशक में अच्छी प्रगति देखी जा रही है। अब अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं में भी शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ी है। अब वे न केवल स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रही हैं बल्कि तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर सफलता की बुलंदियों को छूने को प्रयास कर रही है।
2001 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि जिले में मात्र दस प्रशिक्षित महिलाएं ही साक्षर थी लेकिन आज स्थिति बदल गई है। 2011 के जनगणना के मुताबिक मुस्लिम महिलाओं का साक्षरता दर लगभग 30 प्रतिशत पहुंच गया है। शिक्षा के प्रति लोगों के बढ़ते रूझान के कारण ऐसा संभव हो पाया है। अररिया स्थित छात्राओं के स्कूल कुल्लीयातुस सालेहात की छात्राओं ने बताया कि वर्तमान युग में कंप्यूटर के ज्ञान के बगैर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ना संभव नही है। विद्यालय की छात्राएं सुरैय्या कौसर, एरम नाज, निलोफर प्रवीण, गुफराना, माहेलका खानम, अतिया प्रवीण, जीनत बेगम, अकलीमा खानम, गुलफशां प्रवीण एवं मोजाहिरा ने बताया कि कंप्यूटर का ज्ञान प्राप्त कर हम बेहतर जाब में जाना चाहते हैं। विद्यालय की प्रधान शिक्षिका इफ्फत हीना फलाही ने बताया कि नियमित रूप से बच्चियों को कंप्यूटर सिखाया जाता है। इसके अलावा आजाद एकेडमी में भी एम.ए जौहर कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र से सैकड़ों बच्चियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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