Monday, February 27, 2012

कनाडा व नेपाल से जुड़े हैं भारतीय अपहर्ताओं के तार


फारबिसगंज (अररिया) : कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर पिछले दिनों पंजाब से मनप्रीत नामक युवक का किए गये अपहरण का तार भारत सहित नेपाल और कनाडा से भी जुड़ा है। अपहरण के बाद मनप्रीत के पिता परमजीत से अपहर्ताओं ने टोरंटो (कनाडा) के नंबर से फोन कर बताया था कि उसका पुत्र यहां पहुंच गया है इसलिए वे दस लाख रूपये का पेमेंट कर दें। लेकिन तब तक मनप्रीत अपहर्ताओं को चकमा देकर भाग निकला और उसके पिता के दस लाख रूपये बच गये।
मिली जानकारी अनुसार करीब दस लाख रुपया में मनप्रीत सिंह (22) को कनाडा की राजधानी टोरंटो शहर में अच्छी नौकरी दिलाने की डील लुधियाना के एक एजेंट के साथ हुई थी। उसके बाद पिता ने मनप्रीत को उस एजेंट के साथ भेज दिया। लेकिन षडयंत्र रचकर बागडोगरा से उसका अपहरण कर लिया गया और उसे नेपाल ले जाया गया। जिसके बाद अपहर्ताओं ने मनप्रीत के पिता परमजीत को इंटरनेट फोन के माध्यम से बता दिया कि उसका बेटा कनाडा पहुंच गया है। मनप्रीत की कनाडा में मौजूदगी साबित करने के लिए अपहरणकर्ताओं ने यहां इंटरनेट फोन की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। अपहरणकर्ताओं ने कनाडा के टोरंटो शहर में बैठे गिरोह के सदस्य से पहले नेपाल में खुद के पास फोन करवाया। फिर टोरंटो से नेपाल में आए इस फोन को नेपाल से ही इंटरनेट के माध्यम से पंजाब के लुधियाना में मनप्रीत के पिता सरदार परमजीत सिंह के मोबाइल से जोड़ दिया। लेकिन इस तकनीक का परिणाम यह हुआ कि लुधियाना में सरदार परमजीत सिंह के मोबाइल पर नेपाल का नंबर नही आकर कनाडा के टोरंटो शहर का आईएसडी कोड आ गया। परमजीत ने अपने मोबाइल पर आये फोन कोड की पड़ताल की तो वह कनाडा का आईएस डी कोड निकला। जिससे वह आश्वस्त हो गया। इसके बाद डील के मुताबिक वे एजेंट को दस लाख रुपये पेमेंट करने ही वाले थे। लेकिन इससे पहले ही अपहरणकर्ताओं के षड्यंत्र का खुलासा हो गया। नौकरी के नाम पर अपहृत मनप्रीत यातनाएं झेलने के बाद किसी तरह मौत के चंगुल से नेपाल से भागकर भारत के बार्डर टाउन जोगबनी पहुंच गया जहां से वह अररिया एसपी शिवदीप लांडे की सुरक्षा कवच में आ गया।
पंजाब पुलिस सेवा में एएसआई के पद पर कार्यरत सरदार परमजीत सिंह ने पूरी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारी को देते हुए बेटे को बचाने की गुहार लगाई। फिर पंजाब पुलिस और बिहार पुलिस के डीजीपी स्तर पर बात हुई। इधर, अररिया पुलिस भी सक्रिय होकर नेपाल पुलिस के संपर्क में आ गई थी। फिलहाल मनप्रीत अपने पिता के साथ फारबिसगंज से लुधियाना लौट चुका है। लेकिन मनप्रीत के साथ पहले से अपहृत कर नेपाल में बंधक बनाकर रखे तीन अन्य पंजाबी युवकों का कोई अता-पता नहीं है। अंदेशा लगाया जा रहा है कि दस लाख लेने के बाद अपहर्ता उन लोगों की हत्या कर देता।

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