Sunday, March 13, 2011

शिक्षा को सांप्रदायिक चश्मे से देखना अनुचित: शिवली


अररिया : शिक्षा का कोई धर्म नहीं होता, इसलिए इसे सांप्रदायिक चश्मे से देखना अनुचित है। यह बातें शनिवार को चांदनी चौक पर आयोजित एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के मौके पर स्टूडेंट इस्लामिक आर्गेनाइजेशन के केंद्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य शिवली अरसलान ने कही। धरना में वक्ताओं ने कहा कि बिहार के शैक्षणिक पिछड़ेपन की पृष्ठभूमि में किशनगंज में केंद्रीय विश्वविद्यालय अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी की शाखा खोला जाना एक अहम कदम साबित होगा। परंतु इसे राजनीतिक रूप देकर राज्य सरकार इसे मृर्तरूप देने में असमर्थ रही है जिसका स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन विरोध करती है। आर्गनाइजेशन की जिला शाखा के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। धरना का मुख्य बिंदू शिक्षा पर राजनीति बंद करने, बिहार में एएमयू की शाखा शीघ्र खुलवाना व इसके लिए भूमि उपलब्ध कराना आदि रहा। धरना में एसआइओ के प्रदेश अध्यक्ष मुजाहिदुल इसलाम, हाजी नैयरूजमा, पूर्व विधायक विनोद राय, रजी अहमद, जिलाध्यक्ष रूमान आलम, कमाले हक, शफीउल होदा, सदरे आलम, मो. नजरूल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन राशिद अनवर ने किया। धरना के बाद चार सूत्री मांगों का ज्ञापन एक शिष्टमंडल जिला पदाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा।

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