अररिया : करोड़ों रुपयों के डेहटी पैक्स घोटाले में सरकारी कोष के गबन की राशि बढ़ सकती है। इस घोटाले में अब तक 27 करोड़ की राशि के गबन के प्रमाण मिले हैं। वहीं, पुलिस कप्तान शिवदीप लांडे मानते हैं कि यह घोटाला 27 करोड़ से कहीं अधिक का है। उन्होंने बताया कि इस बीच घोटाले में संलिप्त कई वीआइपी गिरफ्तार किए गये हैं। उनसे पूछताछ के क्रम में घोटाले की नेटवर्किंग व इसमें संलिप्त कई सफेदपोश लोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। इससे साफ होता है कि घोटाले की राशि और भी अधिक है।
विदित हो कि दैनिक जागरण ने प्रारंभिक सबूतों के आधार पर घोटाले में लगभग 70 करोड़ की राशि के गबन की बात प्रकाशित की थी। इस घोटाले की कार्य प्रणाली बेहद सरल थी। एसपी श्री लांडे के अनुसार घोटाले के सूत्रधार सरकारी योजनाओं की राशि को पैक्स में डिपाजिट करने के लिए विभिन्न सरकारी अधिकारियों को मोटा कमीशन देते थे। मसलन अगर एक बीडीओ पैक्स में पांच करोड़ जमा करवाता था तो उसे पचास लाख का मोटा कमीशन मिल जाता था। डिपाजिट के बदले पैक्स की ओर से प्रखंड को चैक बुक दिया जाता था। जब लाभुकों को प्रखंड से इंदिरा आवास या अन्य योजना का चैक मिलता तो पैक्स के घोटालेबाज उसे यह कह कर टहला देते थे कि अभी पैक्स में राशि नहीं है। इस पैक्स में इंदिरा आवास, मध्याह्न भोजन योजना, बाल विकास योजना सहित कई अन्य सरकारी योजनाओं की राशि रखी गयी और उनका धड़ल्ले से बंदरबांट कर लिया गया।
पुलिस कप्तान शिवदीप लांडे की मानें तो वे इस बात की तहकीकात कर रहे हैं कि घोटाले का पैसा किन-किन लोगों की जेब में गया है। उन्होंने बताया कि हाल में गिरफ्तार लोगों ने उन्हें कई सुराग दिए हैं जिसके आधार पर आने वाले दिनों में कई सफेदपोश व्यक्ति कानून की गिरफ्त में आ सकते हैं।
इस घोटाले के अभियोग में ताजा गिरफ्तारी पलासी के पूर्व बीडीओ गयानंद यादव की है। इससे पहले जोकीहाट के पूर्व बीडीओ फिरोज नईम, पलासी के पूर्व बीडीओ अशोक तिवारी, पूर्व डीएसई दिनेश चौधरी के अलावा कई अन्य व्यक्ति कानून की चौखट तक पहुंचाये जा चुके हैं। पूर्व बीडीओ परवेज उल्लाह भी इसी आरोप में गिरफ्तार होकर भागलपुर जेल में हैं। पुलिस उन्हें रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। वहीं, आधा दर्जन और सरकारी अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
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