Sunday, January 8, 2012

गरीबों के अनाज व बच्चों की खिचड़ी पर संकट


अररिया : पहले तो भारतीय खाद्य निगम के लचर रवैये के कारण जिले में खाद्यान्न उठाव बाधित था। अब राज्य खाद्य निगम के नये आदेश ने स्थिति और बिगाड़ दी है। जिससे सरकारी अनाज का उठाव व वितरण बिल्कुल बंद पड़ा है। जबकि नियमित उठाव व वितरण व्यवस्था दुरुस्त करने में जिला प्रशासन व सदर एसडीओ को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। एसएफसी ने इधर नया फरमान जारी कर परिवहन अभिकर्ता के कान्ट्रैक्ट को खत्म कर विभागीय उठाव करने का निर्देश दिया है। नया निर्देश लागू होने के बाद एसएफसी एफसीआई फारबिसगंज से अनाज उठाव करने पर हामी भरने को तैयार नहीं है। अनाज उठाव व वितरण व्यवस्था का यह हाल है कि जनवरी माह शुरू हो गया, लेकिन अब भी अररिया अनुमंडल में 25 हजार क्विंटल अनाज नवंबर माह का उठाव बाकी है। दिसंबर माह में तो एक क्विंटल अनाज का भी उठाव व वितरण नहीं हो पाया है। पिछले दो माह से जिले में अनाज उठाव में हो रही देरी के कारण जिले के बीपीएल, अंत्योदय लाभार्थी को अनाज नहीं मिल पा रहा है। सिर्फ अररिया अनुमंडल में 80 हजार क्विंटल अनाज की आवश्यकता प्रतिमाह होती है। अररिया अनुमंडल के छह प्रखंडों में कुल 625 डीलर कार्यरत हैं। यहां तकरीबन 2 लाख 27 हजार 426 बीपीएल लाभुक तथा 45 हजार 872 अंत्योदय लाभुकों को बीच त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
एसएफसी के नये आदेश के मुताबिक अनाज उठाव की सारी जवाबदेही परिवर्तन अभिकर्ता के स्थान पर एसएफसी गोदाम प्रबंधक की होती है। पर एसडीओ को प्रबंधकों ने कहा कि रेट कम है तथा टाल टैक्स में भी अधिक शुल्क लग रहा है। इस कारण एफसीआई के गोदाम से अनाज का उठाव करना संभव नही है। अनाज उठाव बंद होने के कारण जिले के दर्जनों स्कूलों में एमडीएम योजना भी बाधित है। इधर सदर एसडीओ डा. विनोद कुमार ने बताया कि अनुमंडल क्षेत्र में खाद्यान्न उठाव व वितरण की व्यवस्था सुचारू कराने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

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