Sunday, January 8, 2012

इंदिरा आवास: आधा देलकै, त आधा बनैलिए ..


अररिया: सरकारी खजाने से लाखों खर्च के बावजूद रामपुर महादलित टोले के लोग अब भी कच्ची झोपड़ियों में ही रह रहे हैं। यह सब बिचौलियों व कमीशनखोरों की करामात है।
इंदिरा आवास योजना के इस मकड़जाल व फरेब से एसपी शिवदीप लांडे शुक्रवार को स्वयं रूबरू हुए।
टोले के लोगों ने उन्हें खुलकर अपनी बेबसी व दर्द सुनाया। .. जगदीश ऋषिदेव की झोपड़ी में नीचे ईटें लगी हैं। उन्होंने कहा कि 'आधा पैसा देलकै त आधा बनैलिए'। घर कैसे बनेगा साहब, पैसा तो पहले ही काट लेता है। कौन काट लेता है? ब्लाक वाले और पंचायत के बिचौलिये पहले तो आवास दिलाने की पैरवी के नाम पर वसूलते हैं और जब पैसा मिलता है तो आधा पैसा ले लेते हैं। ग्रामीण ललन ऋषिदेव की बूढ़ी मां से एसपी श्री लांडे ने स्वयं बातचीत की। एसपी ने पूछा आपका घर क्यों नहीं बना? महिला ने कहा कि मुखिया आउर की केलकै नै केलकै? पैसा के लिए ललन खूब दौड़ा। जब नहीं मिला तो थक कर पंजाब चला गया।
तेतर ऋषिदेव ने एसपी को बताया कि उसे दो साल पहले आवास मिला था। लेकिन एक ही किस्त मिली। उसमें भी सारा पैसा ब्लाक खर्चा व कमीशन में कट गया। जगदीश ऋषिदेव ने कहा कि साहब, अधखड़िया पैसा मिला तो पूरा मकान कैसे बनायेंगे? टोले में 35 परिवारों को इंदिरा आवास मिला है। उपेन्दर, ललन, सरयुग, उमेश, बृहस्पत, सीताराम सहित लगभग सारे लोगों की यही शिकायत थी।
गांव वासियों का दर्द सुन कर श्री लांडे विचलित हो गये। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है। यहां केवल कागज पर ही आवास बने हैं। बिचौलियों के खिलाफ स्ट्रांग एक्शन लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास व गरीबों के कल्याण के लिए प्रारंभ की गयी अन्य योजनाओं में दलाली व कमीशनखोरी मानवता के खिलाफ क्राइम है। ऐसा करने वाले किसी सूरत में बख्शे नहीं जायेंगे।

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