Tuesday, February 28, 2012

भारत-नेपाल रेल लाईन निर्माण में रोड़ा बना राजा विराट दरबार


जोगबनी (अररिया) : सीमावर्ती क्षेत्र में सामरिक व व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भारत से नेपाल के बीच बनने वाले रेलवे लाईन के बीच नेपाल का राजा विराट दरबार बाधा बन गया है। नेपाल में राजा विराट दरबार क्षेत्र से होकर गुजरने वाली उक्त रेलवे लाईन के लिए जमीन अधिग्रहण का काम संरक्षण समिति द्वारा रोक दिया गया है जिससे भारत सरकार के सहयोग से बनने वाले इस परियोजना के पूरा होने पर ग्रहण लग गया है। इस संबंध में राजा विराट दरबार संरक्षण समिति के अध्यक्ष कमल किशोर यादव का कहना है कि उनलोगों का उद्देश्य विकास कार्यो में बाधा उत्पन्न करना नहीं है वरन विश्व संपदा की सूची में शामिल राजा विराट दरबार क्षेत्र का संरक्षण भी आवश्यक है। हालांकि इस संबंध में नेपाल के मोरंग जिला पदाधिकारी तारा नाथ गौतम ने बताया कि नेपाल क्षेत्र में रेलमार्ग हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य जारी है। लेकिन राजा विराट दरबार में अधिग्रहण पर रोक की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के विरोध पर मंत्रालय व पुरात्विक विभाग को पत्र भेजा गया है जहां से निर्देश आने पर शेष भूमि का भी अधिग्रहण कर लिया जायेगा।
भारत-नेपाल के बीच अररिया जिला के बथनाहा से नेपाल के कटहरी तक भारत के सहयोग से प्रथम चरण में करीब 18 किमी तक रेलवे ट्रैक बिछाया जाना है। जिसमें भारतीय क्षेत्र में इसकी लंबाई करीब 5 किमी आती है जबकि नेपाल में यह 13 किमी बनना है। भारत में जहां इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम संपन्न करा लिया गया है वहीं नेपाल में इसमें बाधा उत्पन्न हो गयी है। नेपाल में भूमि अधिग्रहण का कार्य नेपाल सरकार को करना है। कुछ हिस्सों में यह काम पूरा कर भी लिया गया है लेकिन नेपाल के बुधनगर में मामला अटक गया है। यह राजा विराट दरबार का क्षेत्र पड़ता है।
इस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र से होकर रेल ट्रैक के गुजरने से लगभग 6 हजार वर्ष पुराना राजा विराट दरबार का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा। इसी वजह से राजा विराट दरबार संरक्षण समिति ने जमीन अधिग्रहण पर रोक लगा दिया जिससे मामला अटक गया है। समिति के अध्यक्ष कमल किशोर यादव का कहना है कि
रेल टै्रक कीचक पोखर के बगल से भी बिछाया जा सकता जिससे उक्त ऐतिहासिक स्थल का अस्तित्व बच जायेगा और विश्व संपदा का नुकसान भी नहीं होगा। इसी उहापोह के बीच भारत नेपाल के बीच बनने वाले अति महत्वपूर्ण रेलवे लाईन का निर्माण फंसा हुआ है। आगामी रेल बजट के दौरान अगर सरकार ने इस ओर दिलचस्पी दिखायी तो शायद जल्द ही सीमावर्ती क्षेत्र के लोग भारत नेपाल के बीच सीधे तौर पर आवागमन कर सकेंगे।

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