Tuesday, February 28, 2012

महादलित अब भी विकास से अछूते


भरगामा (Bhargama Araria) : विकास की बयार में महादलितों के नाम पर सबने अपने राजनीतिक अंगोछे सुखाए लेकिन उन्हें कुछ मिला नहीं। महादलित समुदाय के लोग अब भी विकास से अछूते हैं। प्रखंड मुख्यालय से पचास फीट की दूरी पर स्थित राम टोला के निवासी सड़क, बिजली, रोजगार, विधवा पेंशन आवास जैसी योजनाएं से दूर उद्घारक की बाट जोह रही है।
राम टोला निवासी श्यामदेव राम कहते हैं गांव तक आने के लिए सड़क नहीं है। पैदल चलकर आने के लिए एक पगडंडी भी मयस्सर नहीं है। बरसात के माह में गला भर पानी तैरकर गांव आना पड़ता है। जबकि अमुआन विद्यालय से राम टोला तक मनरेगा के तहत सड़क के नाम पर राशि का उठाव भी हो चुका है। बावजूद सड़क नही बन पाया है। ललन राम का कहना है बिजली को लेकर गांव के 15 लोग उपीत राम, जीवन राम, सुशील राम, रघुनंदन राम दस वर्ष पूर्व उपभोक्ता भी बने। बिजली बिल भी हर माह जमा करना पड़ता है। मगर आज तक पोल था तार नही लग पाया है। मोसोमात शीला देवी पति रुदोर राम बताती है। बीस वर्ष से विधवा हूं परंतु पेंशन नही मिलता है। मोसोमात जहानी देवी पति स्व. जगदेव राम 25 वर्ष पूर्व से विधवा है पेंशन नही मिलता है। मोसोमात भूमिया देवी पति स्व. मरगु राम 15 वर्ष पूर्व विधवा हो चुकी है मगर पेंशन आज तक नही मिल पाया है। जबकि बलंती देवी पति सुरेश राम मूक व वधीर है। विकलांग पेंशन नही मिल रहा है। कौशल्या देवी पति उपेन्दू राम अस्थि विकलांग है पेंशन नही मिल रहा है। रेणु देवी पिता बोदाय राम गुंगी है विकलांग पेंशन नही मिलता है। रंभा देवी पिता जगदेव राम 1 वर्ष पूर्व शादी हुई, कन्या विवाह योजना का लाभ नही मिल पाया है।
रोजगार कार्ड वर्ष 2008 में दिया गया। मगर आज तक खाता नही खुल पाया है। और न ही रोजगार मिल सका। श्यामदेव राम कार्ड सं. 0502, मनोज राम कार्ड सं. 0468, नारायण राम कार्ड सं. 0489, उपेन्दू राम कार्ड सं. 0473, मुकेश राम कार्ड सं. 0493, योगेन्दू राम कार्ड सं. 0476, बुलंती देवी कार्ड सं. 0476 वर्ष 2008 में कार्ड दिया गया। लेकिन आज तक रोजगार नहीं मिल पाया है। गांव निवासी पंजाब, दिल्ली, गुजरात आदि जगहों पर रोजगार हेतु पलायन करते हैं। जबकि गांव की कुल आबादी लगभग एक हजार है।
क्या कहते हैं अधिकारी:- बीडीओ अरुण कुमार गुप्ता कहते हैं वे मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई करेंगे। जबकि रोजगार सेवक तरुण कुमार का कहना है कि आरोप बेबुनियाद है। मजदूरों को रोजगार हर वर्ष दिया जाता है। अपरिहार्य कारणों से सड़क निर्माण कार्य बाधित पड़ा है।

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